मंडी
प्रदेश इस दिनों भीषण बारिश की चपेट में है। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले पर पड़ा है। ऐसे हालात में जब आम लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं, तब मंडी के थुनाग क्षेत्र के तहसीलदार रजत सेठी ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए एक मिसाल कायम की।
लगातार बारिश से थुनाग में मिनी सचिवालय जाने वाला मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। जगह-जगह नाले उफान पर हैं, सड़कें बह चुकी हैं और आवाजाही ठप है। लेकिन रजत सेठी ने हालात के आगे हार नहीं मानी। उन्होंने पोकलेन मशीन की बकेट में बैठकर जान जोखिम में डाली और उफनता नाला पार कर ऑफिस पहुंचे। ये दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था, लेकिन यह असल जिंदगी में एक सच्चे और समर्पित प्रशासनिक अधिकारी की तस्वीर थी।

रजत सेठी ने कहा कि “क्षेत्र की जनता इस समय आपदा से जूझ रही है। ऐसे में अगर हम अधिकारी ही घर पर बैठ जाएं, तो जनता की मदद कौन करेगा? इसलिए मैंने हरसंभव रास्ता तलाशा और जो सुरक्षित लगा, उससे होकर कार्यालय पहुंचा।” यह घटना जहां उनके दृढ़ कर्तव्यबोध को दर्शाती है, वहीं प्रशासनिक तंत्र के उन असली नायकों की भी झलक देती है जो संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़े रहते हैं।

मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र और थुनाग उपमंडल सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश ने कई गांवों को तबाह कर दिया है, सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं और सड़कों का नामोनिशान मिट चुका है। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, केवल सराज क्षेत्र में ही 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ऐसे समय में तहसीलदार रजत सेठी जैसे अधिकारी न सिर्फ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि बाकी प्रशासनिक अमले के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं। जनता को राहत पहुंचाना और उनका साथ निभाना ही सच्ची जनसेवा है और यह उन्होंने करके दिखाया।
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