जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) कांगड़ा द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान विद्यालयों में आपदा प्रबंधन तकनीक को सुदृढ़ करना तथा शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए सशक्त बनाना रहा।

प्रशिक्षण में कांगड़ा, नगरोटा, धर्मशाला और शाहपुर खंडों से लगभग 250 शिक्षकों ने भाग लिया। बतौर मुख्य अतिथि एडीएम कांगड़ा शिल्पी वेक्टा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और प्रतिभागियों से संवाद करते हुए विद्यालयों में सुरक्षा उपायों की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन योजनाओं के क्रियान्वयन, संसाधनों की उपलब्धता और ऐप की उपयोगिता जैसे विषयों पर व्यवहारिक चर्चा की।
प्रशिक्षण का समन्वय शिक्षा विभाग के उप निदेशक सुधीर भाटिया ने किया, जबकि संचालन डीडीएमए के प्रशिक्षण प्रभारी कुलदीप सिंह द्वारा किया गया। रिसोर्स पर्सन शबनम ने स्कूल सेफ्टी ऐप के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला और शिक्षकों की शंकाओं का समाधान किया।

शबनम ने ऐप के पांच प्रमुख चरणों—स्कूल प्रोफाइल, जोखिम मूल्यांकन, आपदा तैयारी, जोखिम न्यूनीकरण व प्रतिक्रिया, तथा मूल्यांकन योजना—की विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान ऐप की जियो-टैगिंग सुविधा विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसके माध्यम से प्राथमिक उपचार किट, अग्निशमन यंत्र और अन्य आपात संसाधनों को डिजिटल रूप से चिह्नित किया गया।
शिक्षकों ने प्रशिक्षण को अत्यंत ज्ञानवर्धक, व्यावहारिक और प्रेरणादायक बताया। इस पहल ने उन्हें तकनीक के माध्यम से आपदा प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि डीडीएमए कांगड़ा का यह प्रयास जिले में सुरक्षित, जागरूक और आपदा-संवेदनशील शैक्षणिक वातावरण के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय कदम है।
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