मंडी,
हिमाचल प्रदेश जाइका कृषि परियोजना के जिला परियोजना प्रबंधक मंडी डॉ हेमराज वर्मा ने बताया कि परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने सरकाघाट और जोगिंदर नगर क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा कर प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि तकनीक, फसल विविधीकरण और बाजार से जुड़े प्रयासों की गहन समीक्षा की है ।
उन्होंने किसानों से संवाद कर उनकी समस्याओं, सुझावों और कार्यक्षेत्र में आ रहीं चुनौतियों को प्रत्यक्ष रूप से समझा। दौरे के पहले दिन सरकाघाट में विधायक चंद्रशेखर भी साथ रहे।
दौरे की शुरुआत हल्दी, लहसुन और मटर–गेहूं की मिलवां खेती वाले क्षेत्रों से हुई। प्रगतिशील किसान अजय कुमार के हल्दी प्लॉट में फसल प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन और जैविक तरीकों की सराहना की गई।

टीम ने बाल आश्रम भरनाल में बच्चों से बातचीत कर उन्हें किचन गार्डन की उपयोगिता समझाई और इसे नियमित रूप से अपनाने के लिए प्रेरित किया। बाद में बकराटा और थौइन में सिंचाई उप-परियोजनाओं पर मल्चिंग, जैविक पोषक प्रबंधन और तकनीकी हस्तक्षेप की स्थिति का निरीक्षण किया गया।
दूसरे दिन जोगिंद्रनगर के चौंतड़ा क्षेत्र में प्राकृतिक खेती, मिट्टी स्वास्थ्य, जल संरक्षण, इंटरक्रॉपिंग और फसल विविधीकरण पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। बजगर खड्ड से भर्यारा तक वेजिटेबल गार्डन, न्यूट्री किचन गार्डन और डेमो प्लॉटों का विस्तृत अवलोकन किया गया। किसानों को बाजार मांग, गुणवत्ता मानकों और उत्पादन–बाजार एकीकरण को मजबूत बनाने पर मार्गदर्शन दिया गया।

चौंतड़ा स्थित सैटेलाइट ऑफिस के कोल्ड स्टोर निरीक्षण के दौरान डॉ. चौहान ने स्टोरेज क्षमता, रखरखाव और किसान उपयोगिता की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि कोल्ड स्टोर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए, जिससे फलों और सब्जियों की खराबी कम हो तथा किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके। पैकेजिंग, ग्रेडिंग, ब्रांडिंग और वैल्यू एडिशन पर विशेष जोर दिया गया।

दौरे के अंतिम चरण में बीड़ पैराग्लाइडिंग लैंडिंग साइट पर आयोजित जैविक उत्पाद प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया, जिसे स्थानीय और विदेशी पर्यटकों ने खूब सराहा। इस दौरान कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर भी मौजूद रहे।
दौरे में उनके साथ एसएमएस डॉ. खूब राम, बीपीएम डॉ. अश्वनी कुमार, केवीके इंचार्ज डॉ. पंकज सूद सहित विभागीय स्टाफ साथ रहा।
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