राजस्व मंत्री ने किन्नौर जिला के आई.टी.डी.पी भवन में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वार्ता सम्मेलन कार्यशाला का समापन कियाबतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और युवा पीढ़ी को किन्नौर की समृद्ध संस्कृत की जानकारी प्रदान की

रिकांगपिओ       

राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जनजातीय जिला किन्नौर के आई.टी.डी.पी भवन रिकांग पिओ में सामुदायिक संस्कृति एवं सरंक्षण (सतत् समृद्धि की और जनजातीय पथ) विषय पर आधारित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वार्ता सम्मेलन कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और जिला किन्नौर की समृद्ध संस्कृति पर प्रकाश डाला।


जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में हमारी समृद्ध व संपन्न संस्कृति, रीति-रिवाज़ो, खान-पान व पहरावे के सरंक्षण की नितान्त आवश्यकता है ताकि हमारी संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सके और आने वाली पीढ़ी इससे अवगत रह सके। उन्होंने जिला किन्नौर की संस्कृति के कुछ विशेष पहलुओं व किन्नौर की ऐतिहासिक संस्कृति से उपस्थित युवाओं व अन्य को अवगत करवाया तथा आज की युवा पीढ़ी से जिला किन्नौर की संस्कृति व इतिहास के बारे में पढ़ने और ज्ञान प्राप्त करने का आग्रह भी किया।


राजस्व मंत्री ने बताया कि भारतीय सेना के बिग्रेड हेडक्वार्टर पूह व राजकीय महाविद्यालय रिकांग पिओ के संयुक्त प्रयासों से जनजातीय जिला किन्नौर की संस्कृति व इतिहास को सरल भाषा में आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा ताकि जिला की समृद्ध संस्कृति को विलुप्त होने से बचाया जा सके। इसके अलावा भोटी भाषा के सरंक्षण व प्रचार प्रसार के लिए भी सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने जिला के बुद्धिजीवियों से भी किन्नौर की संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए प्रयास करने को कहा और इसकी शुरुआत पंचायत स्तर से करने का आग्रह किया ताकि युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति व इतिहास का जान प्राप्त हो सके।


इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय रिकांग पिओ के प्राचार्य डॉ. उत्तम चंद चौहान ने आयोजित कार्यक्रम का संचालन किया और तीन दिवसीय कार्यशाला के दौरान आयोजित की गई विभिन्न गतिविधियों से मुख्य अतिथि को अवगत करवाया।
इस दौरान उपमंडलाधिकारी कल्पा अमित कल्थाईक, जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी, राजकीय महाविद्यालय रिकांग पिओ के प्राध्यापकगण व छात्र-छात्राओं सहित जिला के विभिन्न बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।


किन्नौर जिला की रिब्बा पंचायत के रिब्बा कंडे में आयोजित फुल्याच महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे
इसमें उपरांत राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने जिला की रिब्बा पंचायत में देवता कसूराज जी के इष्ट कंडे में 7 दिवसीय फुलायच उत्सव के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।


कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार देव परंपराओं के सरंक्षण व संवर्धन के लिए प्रयासरत है और आयोजित होने वाले देव उत्सवों व त्यौहारों में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी को हमारी समृद्ध देव संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और सूचना प्रौद्योगिकी के इस आधुनिक युग में इस प्रकार के उत्सव विशेष स्थान रखते हैं जिससे जहां संस्कृति को सरंक्षण प्राप्त होता है वहीं आपसी मेल-जोल, प्यार व भाईचारे को भी संबल मिलता है।


राजस्व मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार निर्धन, भूमिहीन व उपेक्षित वर्गों के उत्थान व कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही और वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत लोगों को जमीन का मालिकाना हक प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने स्थानीय लोगों से वन अधिकार अधिनियम-2006 का लाभ उठाने के लिए आगे आने को कहा।


इसके अलावा कैबिनेट मंत्री ने नौ तोड़ अधिनियम 1968, 73वीं पंचायती राज अधिनियम जिससे महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हुआ, मनरेगा एक्ट 2005, सूचना का अधिकार 2005 के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान की और कहा कि कांग्रेस सरकार आम जनता की सरकार है जिसने सदैव लोगों के हितों की रक्षा की है और उपेक्षित वर्गों के साथ मजबूती के साथ खड़ी रही है।


इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, किनफेड अध्यक्ष चंद्र गोपाल नेगी, जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्य डॉ. सूर्या बोरस नेगी, जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी, अधिशाषी अभियंता विद्युत टाशी छोदूप नेगी, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण दिनेश सेन, उप निदेशक उद्यान भूपेंद्र नेगी, उप निदेशक पशुपालन डॉ. अजय नेगी व रिब्बा ग्राम पंचायत की प्रधान राधिका नेगी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।


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