आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में कदम बढ़ा रही सुक्खू सरकार की कृषि हितैषी नीतियां अब रंग लाने लगी हैं। प्राकृतिक खेती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने से किसानों की आय बढ़ी है, वहीं लोगों को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न भी उपलब्ध हो रहा है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष मक्की का समर्थन मूल्य 30 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रति किलो घोषित किया है, जिससे किसान काफी उत्साहित हैं।
ऐसे ही एक किसान हैं द्रंग विकास खंड की ग्राम पंचायत बल्ह टिक्कर के गांव तरेला (चौहार घाटी) निवासी लेख राम। वे पिछले तीन–चार वर्षों से प्राकृतिक खेती विधि अपना रहे हैं। लेख राम बताते हैं कि पिछले वर्ष उन्होंने कृषि विभाग को 5 क्विंटल गेहूं 60 रुपए प्रति किलो की दर से बेची। इस वर्ष उन्होंने प्राकृतिक खेती से पैदा 12 क्विंटल मक्की दी, जिसे विभाग ने 40 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा। इससे उन्हें कुल 48 हजार रुपए की आय हुई।

रासायनिक खादों के प्रयोग के समय उनकी 10 बीघा भूमि से केवल 20–22 क्विंटल मक्की होती थी, लेकिन अब प्राकृतिक खेती से इसकी गुणवत्ता भी बेहतर हुई है और बाज़ार में अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में सराहनीय कदम उठा रही है। विभाग द्वारा भी समय-समय पर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाता है, जिससे खेती की गुणवत्ता और उपज में निरंतर सुधार हो रहा है।
*जिला मंडी में मक्की की खरीद शुरू*
कृषि विभाग के परियोजना उपनिदेशक हितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 14 नवम्बर, 2025 से जिला में मण्डी तथा सुंदरनगर संग्रह केंद्रों पर मक्की की खरीद आरंभ कर दी गई है। सुंदरनगर केंद्र में सुंदरनगर, धनोटू, बल्ह, धर्मपुर, निहरी और गोपालपुर विकास खंडों के 48 किसानों से अभी तक लगभग 142.25 क्विंटल मक्की खरीदी गई। वहीं मंडी केंद्र में सदर और द्रंग विकास खंडों के 16 किसानों से करीब 18.80 क्विंटल मक्की की खरीद हुई।

समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से चहके किसान
प्रदेश सरकार द्वारा मक्की के समर्थन मूल्य में 10 रुपए तथा गंदम के मूल्य में 20 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी से किसान चहक रहे हैं। सुंदरनगर संग्रह केंद्र में प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्की बेचने पहुंचे गांव बाग़लू तहसील बल्ह के शिव सिंह ने सात क्विंटल मक्की विभाग को बेची। उन्होंने कहा कि मूल्य में बढ़ोतरी तथा प्रति क्विंटल 200 रुपए ढुलाई भाड़ा सरकार की ओर से दिया जा रहा है। इससे किसानों की आय और उनका मनोबल दोनों ही बढ़े हैं।
उपतहसील निहरी के गांव धनयारा निवासी हुक्म चंद ने 2.50 क्विंटल तथा उप तहसील रिवालसर के गांव सुक्का रियुर के चंचल शर्मा ने 5 क्विंटल मक्की की बिक्री की। समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के लिए प्रदेश सरकार व विशेष तौर पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की नीतियों से किसानों को बहुत फायदा मिल रहा है।

कृषि विभाग के अनुसार, जिला मंडी में वर्ष 2024-25 भी प्राकृतिक खेती के लिए बेहद उत्साहजनक रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने प्राकृतिक खेती से तैयार अपनी उपज विभाग को बेची। 13 नवंबर, 2025 से पहले 328 किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार 651.33 क्विंटल मक्की, 15 किसानों से 2.982 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी तथा 152 किसानों से 290.67 क्विंटल गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर की गई।
Discover more from Newshimachal24
Subscribe to get the latest posts sent to your email.