सत्य और विश्वसनीयता ही पत्रकारिता की सबसे बड़ी पूंजी”


करसोग में प्रेस दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर “बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण” विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें एसडीएम करसोग गौरव महाजन मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे।कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में सूचनाओं के प्रसार की रफ्तार बहुत तेज हो गई है, लेकिन इसके साथ ही फेक न्यूज़ और भ्रामक सूचनाओं का खतरा भी उतनी ही तेजी से बढ़ा है। ऐसे माहौल में पत्रकारों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि वे तथ्यों की पुष्टि कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की विश्वसनीयता को बनाए रखें।


मुख्यातिथि ने कहा कि बिना तथ्य-जांच के सोशल मीडिया पर फैलने वाली सूचनाएँ जनता को भ्रमित करती हैं और इससे पारंपरिक मीडिया की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए समाचारों की सटीकता, निष्पक्षता और पारदर्शिता पर बल देते हुए फैक्ट-चेकिंग व्यवस्था को अपनाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पाठकों और दर्शकों की मीडिया साक्षरता बढ़ाना भी आज अत्यंत जरूरी है, ताकि समाज सही और गलत सूचना में अंतर समझ सके।


पत्रकारिता नैतिक संहिता का पालन, निष्पक्ष रिपोर्टिंग और जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने से ही प्रेस की साख को मजबूत बनाया रखा जा सकता है।उन्होंने कहा कि ‘सबसे पहले खबर’ की दौड़ में गलतियों की संभावना रहती है, लेकिन हमारी प्राथमिकता‘सबसे सही खबर’ देना होना चाहिए तभी पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखा जा सकता है।


प्राकृतिक आपदाओं, महामारी और चुनाव जैसे संवेदनशील समय में प्रेस की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण मानी गई, क्योंकि इस समय गलत सूचना सीधे जनहित को प्रभावित कर सकती है।
प्रेस दिवस के अवसर पर सभी पत्रकारों और उपस्थित सदस्यों ने संकल्प लिया कि सत्य, नैतिकता और जिम्मेदार पत्रकारिता की परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा।


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