निदेशालय मत्स्य पालन, बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में बुधवार को एक दिवसीय आयुर्वेदिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं वैलनेस कैंप का आयोजन किया गया


आयुष विभाग से आमंत्रित आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोहित कपिल एवं योग प्रशिक्षिका मोमिता कटोच ने उपस्थितजनों को आयुर्वेद और योग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ. कपिल ने त्रिदोष सिद्धांत—वात, पित्त और कफ—के संतुलन को स्वास्थ्य का मूल बताया और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय, तुलसी, आंवला और अदरक जैसी जड़ी-बूटियों के सेवन की सलाह दी। उन्होंने जंक फूड से बचने और संतुलित आहार अपनाने पर भी जोर दिया।


योग प्रशिक्षिका मोमिता कटोच ने प्रतिभागियों को प्राणायाम, ध्यान और विभिन्न योगासनों का अभ्यास करवाया, जिससे मानसिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति प्राप्त की जा सके।कार्यक्रम के अंत में निदेशक विवेक चंदेल ने आयुर्वेद और योग को भारतीय जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि कर्मचारियों की कार्य क्षमता में भी वृद्धि करते हैं।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक साप्ताहिक योग शिविर आयोजित करने की भी घोषणा की, जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी ने सहर्ष स्वीकार किया।
इस अवसर पर विभाग के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे, जिनमें संयुक्त निदेशक पवन कुमार, उपनिदेशक मत्स्य चंचल ठाकुर, सहायक निदेशक डॉ. सोमनाथ, सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।


Discover more from Newshimachal24

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Discover more from Newshimachal24

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading