हिमाचल प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र परिवर्तनकारी दौर का साक्षी बन रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा से बढ़कर बच्चों के समग्र विकास को केन्द्र में रखकर योजनाओं को धरातल पर उतार रही हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। इस दिशा में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल मील पत्थर साबित होंगे।

प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। यह स्कूल ग्रामीण परिवेश में रहने वाले बच्चों के समुचित विकास के लिए सहायक साबित होंगे। वर्तमान में प्रदेश के 42 स्थलों/स्कूलों को राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के रूप में चिन्हित किया गया है और इसके लिए 94.46 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रामीण परिवेश में रहने वाले बच्चों को गुणात्मक शिक्षा और उनकी खेल प्रतिभा को निखारने के लिए बेहतर खेल अधोसंरचना की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू की परिकल्पना है कि बच्चों को भविष्य की प्रतिस्पर्धात्मक चुनौतियों के लिए तैयार किया जाए। इस परिकल्पना को साकार करने में यह स्कूल मील पत्थर साबित होंगे।

प्रदेश के जिला कांगड़ा के जयसिंहपुर, पालमपुर, नगरोटा-बगवां, फतेहपुर, ज्वालामुखी, शाहपुर, इंदौरा, देहरा, धर्मशाला, जिला बिलासपुर के हटवार, जिला चम्बा के भटियात, बनीखेत, किलाड़, जिला हमीरपुर के अमलैहड़, कोहडरा, करहा, चमियाणा खास, हमीरपुर, जिला कुल्लू के पिरडी मौहल, जिला किन्नौर के उरनी, रिकांगपिओ, जिला लाहौल स्पीति के केलांग, काजा, दारचा, जिला मंडी के सरकाघाट, जोगिन्द्रनगर, जिला शिमला के ठियोग, सुन्नी, सरस्वती नगर, जिला सिरमौर के सतौन, जिला ऊना के अम्ब, बंगाणा, संघनाई, बडेहरा, जिला सोलन के कल्याणपुर, ममलीग, दाड़लाघाट, कुनिहार, अर्की और कंडाघाट यह स्कूल निर्मित किए जा रहे हैं।
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