राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के अंतर्गत राज्य में वन विस्तार को बढ़ाने के लिए जन सहभागिता की अपील।विधानसभा स्तरीय वन महोत्सव का शुभारम्भ उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने शमशी में पौधारोपण के साथ किया। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ पार्वती वन मण्डल के शमशी में देवदार का पौधा रोपकर किया। उन्होंने पौधरोपण तथा पर्यावरण का सन्देश देते हुए सभी को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि पारिस्थितिक संतुलन के लिए पेड़ों का बहुत महत्व है तथा पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं का इस प्रकार का योगदान प्रशंसनीय है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की बहुत अच्छी सोच है कि इस तरह के अभियान में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य अरण्यपाल कुल्लू संदीप शर्मा ने मुख्यातिथि सहित सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया तथा सभी सर्कल तथा सभी मण्डल की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।उन्होंने कहा कि राजीव गांधी वन संवर्धन योजना हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के हरित आवरण (ग्रीन कवर) को बढ़ाना और पर्यावरण का संरक्षण करना है।

इस योजना में बंजर और क्षतिग्रस्त वन भूमि पर फलदार पेड़ लगाकर हरित आवरण बढ़ाना। साथ ही, वन संरक्षण में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह योजना महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को वनीकरण गतिविधियों से जोड़ती है।
योजना के तहत, इन समूहों को पौधारोपण और उसकी देखरेख के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उदाहरण के लिए, एक हेक्टेयर भूमि पर पहले साल पौधारोपण और बाड़ लगाने के लिए ₹2.40 लाख तक की राशि दी जाती है। इसके बाद, पौधों के जीवित रहने की दर (सर्वाइवल रेट) के आधार पर अगले 5 साल तक प्रोत्साहन राशि दी जाती है। 50% से अधिक पौधों के जीवित रहने पर अतिरिक्त ₹1 लाख तक की राशि भी प्रदान की जा सकती है। इस तरह, समूहों को 5 वर्षों में कुल ₹6.40 लाख तक की सहायता मिल सकती है।
यह योजना सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीणों को पौधरोपण और उसके रखरखाव के लिए रोजगार प
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