केंद्र सरकार की “विश्व का सबसे बड़ा अनाज भंडारण योजना” के तहत मिली स्वीकृति जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में आयोजित जिला सहकारी विकास समिति की बैठक में दाबला कृषि सेवा सहकारी समिति, कोठी (घुमारवीं) के 3,000 मीट्रिक टन क्षमता वाले आधुनिक अनाज भंडारण गोदाम निर्माण प्रस्ताव को सिद्धांतगत स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने की। उन्होंने बताया कि यह स्वीकृति भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से हायरिंग आश्वासन प्राप्त होने के बाद प्रभावी होगी।

उपायुक्त ने कहा कि “विश्व का सबसे बड़ा अनाज भंडारण योजना” के अंतर्गत भारत सरकार एवं राज्य सहकारी विभाग की विभिन्न योजनाओं से समितियों को जोड़ने के लिए जागरूकता शिविर और वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। जिसके तहत डाबला समिति की ओर से गोदाम निर्माण का प्रस्ताव मिला जिसे आज समिति द्वारा मंजूरी दी गई।
उन्होंने जिले की अन्य सक्षम व इच्छुक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों से आह्वान किया कि पर्याप्त भूमि होने पर प्रारंभिक व्यवहार्यता रिपोर्ट के साथ अपना प्रस्ताव सहायक पंजीयक (एआरसीएस) कार्यालय में जमा करें।

उन्होंने बताया कि गोदाम निर्माण के लिए नाबार्ड से 1 से 3 प्रतिशत कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा उपलब्ध होगी। निर्मित गोदामों को अनाज भंडारण के लिए एफसीआई और प्रदेश फूड कॉरपोरेशन को किराए पर दिया जा सकेगा, जिससे समितियों के लिए स्थायी आय का स्रोत तैयार होगा।
उपायुक्त ने कहा कि अनाज भंडारण क्षमता की कमी, भंडारण के अभाव में फसल का नुकसान, और किसानों को औने-पौने दाम पर उपज बेचने की मजबूरी—लंबे समय से देश की गंभीर चुनौतियां रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए भारत सरकार ने 31 मई 2023 को सहकारी क्षेत्र में “विश्व का सबसे बड़ा अनाज भंडारण योजना” को मंजूरी दी। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, क्रय केंद्र और प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
अब तक पायलट परियोजनाओं के अंतर्गत 11 राज्यों में 9,750 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम निर्माण पूरे हो चुके हैं, जबकि 500 समितियों में निर्माण कार्य का शिलान्यास हो चुका है। हालिया दिशा-निर्देशों के अनुसार, समितियां न्यूनतम 1,670 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम का निर्माण कर सकेंगी।
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