बिलासपुर
नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन में पौधरोपण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ प्रकृति अपने स्तर पर पौधों को तैयार करती है तो वहीं दूसरी तरफ वन विभाग के माध्यम से प्रतिवर्ष अतिरिक्त पौध रोपण कर प्रकृति के संवर्धन में कार्य किया जाता है। राजेश धर्माणी आज घुमारवीं के वन परिक्षेत्र भराड़ी के मरयानी में 76वें जिला स्तरीय वन महोत्सव में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि वनों से ही जीवन संभव है तथा प्रकृति व पर्यावरण को होने वाला नुकसान सीधे तौर पर न केवल मानव बल्कि असंख्य जीव जंतुओं के जीवन को भी प्रभावित करता है। उन्होंने प्रकृति को रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से हो रहे विपरीत प्रभाव पर भी चिंता व्यक्त की तथा कहा कि प्रकृति को आए दिन हो रहे नुकसान के लिए भी कहीं न कहीं हम सभी जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण क्षरण का प्रभाव पूरी दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के तौर पर झेलना पड़ रहा है। पर्यावरण बदलावों के कारण प्रकृति पर बढ़ रहे दबाव के कारण आज जहां कई जड़ी-बूटियां विलुप्त हो गई हैं तो वहीं असंख्य विलुप्ति के कगार पर हैं। उन्होंने लोगों से रासायनों के अत्यधिक छिड़काव व इस्तेमाल से भी बचने का आह्वान किया ताकि हम अपनी नष्ट होती प्रकृति को संरक्षित व संवर्धित कर सकें।
राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वनों के संरक्षण और विकास आधारित दृष्टिकोण से राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना को शुरू करने का अहम निर्णय लिया है। इस योजना के माध्यम से महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों तथा अन्य पंजीकृत सामुदायिक समूहों को वनीकरण गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
इस योजना के माध्यम से प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण करने पर प्रत्येक समूह को 1.20 लाख रूपये तक की सहायता दी जाएगी तथा पौधों के जीवित रहने की दर के आधार पर अतिरिक्त 1.20 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए इन अहम निर्णयों से ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों से जुड़ने का आह्वान किया।

मरयानी में 5 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपित हुए हैं 55 सौ औषधीय व फलदार पौधे
उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वन संवर्द्धन योजना के अंतर्गत मरयानी में पांच हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के औषधीय व फलदार पौधे जिसमें आंवला, हरड, बेहडा, अर्जुन, कचनार, पीपल, जामुन इत्यादि शामिल है के लगभग 55 सौ छोटे व बडे पौधों का रोपण किया गया है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि वन विभाग एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से आने वाले समय में यहां एक घना जंगल बनकर तैयार होगा तथा प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस क्षे़त्र में पौध रोपण करने तथा इसके संरक्षण व संवर्धन में बेहतरीन कार्य करने के लिए स्थानीय वन संवर्धन समिति की अध्यक्षा मीरा देवी के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि मीरा देवी ने इस 5 हैक्टेयर क्षेत्र को वन विभाग के सहयोग से हरा-भरा बनाने में अपना अहम सहयोग प्रदान किया है।

संरक्षित वन क्षेत्र के तौर पर स्थापित हो मरयानी, विद्यार्थियों को मिले वनों की व्यावहारिक जानकारी
राजेश धर्माणी ने मरयाणी वन क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वन विभाग द्वारा बनाए गए जलाश्य तथा बारिश के पानी को रोकने के लिए ट्रेंच खुदाई निर्माण के कार्यों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि जगह-जगह बनाई गई इन ट्रेंच के चारों ओर स्थानीय औषधीय पौधों को भी रोपित किया है जिससे प्रकृति के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन में इनकी अहम भूमिका रहेगी।
उन्होंने उम्मीद जताई आने वाले समय में यह वन क्षेत्र संरक्षित वन के रूप में स्थापित होगा ताकि इस क्षेत्र के आसपास के शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों सहित आमजन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त करने का एक अहम स्थान के तौर पर विकसित होगा।
इससे पहले उन्होंने जामुन व पीपल का पौधा रोपित कर 76वें जिला स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया।

उन्होंने इस दौरान वन विभाग में शामिल हुए वन मित्रों के साथ भी वार्तालाप किया तथा वनों के संरक्षण व संवर्धन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने वन मित्रों से वनों के संरक्षण व संवर्धन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में स्थानीय लोगों को भी शामिल करने तथा जागरूक बनाने पर भी बल दिया।
इस मौके पर उन्होंने वन संरक्षण में अहम योगदान देने के लिए स्थानीय निवासी मीरा देवी को भी सम्मानित किया।
वन अरण्यपाल बिलासपुर मृत्युंजय माधव ने मुख्यातिथि का पारंपरिक तौर पर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
वन मंडलाधिकारी राजीव कुमार ने वन विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आपदा राहत कोष में दिया 1.01 लाख का योगदान
इस मौके पर जिला बिलासपुर के वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आपदा राहत कोष के लिए 1 लाख 1 हजार रूपये के अंशदान का चेक तकनीकी शिक्षा मंत्री को भंेट किया।
इस मौके वन अरण्यपाल मृत्युंजय माधव व वन मंडलाधिकारी राजीव कुमार के अतिरिक्त एसडीएम गौरव चैधरी, प्रधान कसारू अंजना देवी, उप प्रधान दधोल पुरूषोतम, पूर्व प्रधान लेख राम ठाकुर, सोम प्रकाश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कई गणमान्यजन मौजूद रहे।
Discover more from Newshimachal24
Subscribe to get the latest posts sent to your email.