बेटियों को नया संबल दे रहा सामर्थ्य कार्यक्रम* जिला प्रशासन ने आय सीमा और दिव्यांगता मानकों में किए महत्वपूर्ण बदलाव, मानकों में ढील से अधिक छात्राएं होंगी लाभान्वित

जिला प्रशासन ऊना द्वारा संचालित सामर्थ्य कार्यक्रम गरीब और जरूरतमंद बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। उपायुक्त ऊना जतिन लाल की नवाचारी सोच से प्रारंभ इस जनहितकारी कार्यक्रम में हाल ही में दो अहम संशोधन किए गए हैं, जिनके माध्यम से योजना को और अधिक समावेशी व व्यावहारिक बनाया गया है।


*अब और अधिक बेटियां बनेंगी पात्र*


जिला प्रशासन ने अब इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र परिवारों की वार्षिक आय सीमा 60 हजार से बढ़ाकर 80 हजार कर दी है। साथ ही, दिव्यांगता की पात्रता को लेकर भी संशोधन किया गया है। पहले जहां छात्रा के पिता के 60 प्रतिशत या अधिक दिव्यांग होने पर सहायता प्राप्त की जा सकती थी, अब यह सीमा घटाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है, बशर्ते दिव्यांगता प्रमाण-पत्र कम से कम एक वर्ष पुराना हो।


उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि सामर्थ्य कार्यक्रम को और अधिक व्यावहारिक व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पात्रता मापदंडों में यह संशोधन किया गया है, ताकि कोई भी बेटी सिर्फ आर्थिक कठिनाई के कारण अपने सपनों से वंचित न रह जाए।
*क्या है सामर्थ्य कार्यक्रम*


‘सामर्थ्य’ उपायुक्त ऊना जतिन लाल की परिकल्पना से जन्मा एक नवाचारी कार्यक्रम है, जिसे प्रशासन द्वारा जिला रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जरूरतमंद छात्राओं और महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल और आर्थिक आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में समर्थन देना है।


सामर्थ्य में ये हैं प्रमुख सुविधाएं और सहायता
इस कार्यक्रम के अंतर्गत ऊना जिले की उन छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जाती है, जिनके पिता जीवित नहीं हैं या जो शारीरिक रूप से अक्षम (पूर्व में 60 प्रतिशत, अब 40 प्रतिशत) हैं। पात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग, मेडिकल शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 25 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है।
इसमें 12वीं के बाद किसी भी डिग्री, डिप्लोमा या अन्य कोई व्यवसायिक कोर्स के लिए आर्थिक मदद के अलावा यूपीएससी, नीट, आर्मी जैसी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए भी वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाता है।
इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से महिलाओं के लिए सिलाई, डिजिटल लिटरेसी, स्वयं सहायता समूह, महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देने का भी प्रावधन किया गया है।
वहीं समाज जागरूक करने के मकसद से स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान अभियान और नशा मुक्ति अभियान भी इस कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं।


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