मिलाप कौशल खुंडियां
उपमंडल ज्वालामुखी के खुंडियां के समूचे क्षेत्र में मक्की की फसल को नुकसान पहुंचा रहे फॉल आर्मीवर्म कीट ने किसानों को चिंतित कर दिया है। वहीं इसकी रोकथाम के लिए किसानों को कृषि विभाग की और से जागरूक भी किया जा रहा है। इसी के तहत कृषि विभाग जिला कांगड़ा की राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला पालमपुर की टीम ने कृषि विकास खंड देहरा के खुडिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत छिलगा के ठंबा, बल्ला , सिहोटी और कंकड़ खोला में दौरा किया। इस दौरान टीम में मुख्य रूप से कृषि विश्वविद्यालय से वैज्ञानिक डॉ सुखदेव शर्मा व डॉ सुमन कमार ने बताया कि किसान अपने खेतों में फसल बीजने से पहले 10-15 दिन के लिए गहरी जुताई कर खुला छोड़ दें, ताकि सूर्य की किरणें जमीन के अंदर जा सकें।

उन्होंने बताया कि जिस पौधे को कीट ने अपनी चपेट में लिया है उस पौधे को उखाड़ कर जमीन के अंदर दबा देना चाहिए। कृषि विभाग की राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला पालमपुर से विषयवाद विशेषज्ञ डॉ अंजू ठाकुर ने बताया कि यह कीड़ा फसलों को बहुत हानि पहुंचा रहा है। उन्होंने किसानों को फॉल आर्मी वर्म से निपटने के लिए सुझाव दिए तथा प्रयोगशाला में निर्मित मैटाराइजिम ऐनोसोपिली तथा व्यूबेरिया बेसियाना जैविक दवाई के छिड़काव के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कृषि विभाग जिला कांगड़ा की राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा फॉल आर्मी वर्म के प्रबंधन के लिए एडवाइजरी मई महीने में किसानों के मार्गदर्शन के लिए जारी कर दी गई है । डॉ विशाखा पॉल, उप परियोजना निदेशक आत्मा पालमपुर ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया । इसके नियंत्रण के लिए कोराजन नामक दवाई का छिडकाव करें। वहीं कृषि विकास अधिकारी डॉ आदित्य महाजन ने बताया कि जैसे ही किसान के खेत में कीड़े का प्रभाव दिखाई दे तभी से किसानों को कोराजन नामक दवाई का छिडकाव कर देना चाहिए।
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