विधुत विभाग बोर्ड पैंशनर फोर्म इकाई ज्वालामुखी की चुनावी प्रक्रिया हुई पूरी

विधुत बोर्ड पेंशनर्स फार्म के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाडा की अध्यक्षता में हुआ चुनाव

एस एस चंबियाल को विधुत विभाग बोर्ड पैंशनर इकाई ज्वालामुखी का प्रधान नियुक्त किया

मिलाप कौशल खुंडियां

विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम ज्वालामुखी इकाई की बैठक रामकृष्ण गेस्ट हाउस ज्वालामुखी में फोरम के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस चुनाव में एस एस चंबियाल को विधुत विभाग बोर्ड पैंशनर इकाई ज्वालामुखी का अध्यक्ष बनाया गया वहीं राजिंदर कुमार को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जुगल किशोर,चमन लाल,मान सिंह को उपाध्यक्ष, जसवंत सिंह को महासचिव,विनय कुमार को उप सचिव, ज्वाइंट सेक्रेटरी अजीत कुमार, केएन शर्मा, पूर्ण चंद को वित्त सचिव, देश राज को मुख्य संगठन सचिव, सुरेश कुमार, प्यार चंद अशोक कुमार को संगठन सचिव, देवेंद्र कुमार को प्रैस सचिव, कैलाश कुमार को मुख्य सलाहकार सुरेन्द्र कुमार धीमान को सलाहकार व केएल मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।

इस मौके पर पेंशनर्स को संबोधित करते हुए कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा की विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम की बोर्ड प्रबंधन के साथ समय-समय पर हुई वार्ताओं व फोरम के पदाधिकारियों के द्वारा निरंतर किए गए प्रयासों के चलते बोर्ड प्रबंधन द्वारा इस महीने 75 साल के ऊपर व 75 साल से नीचे की आयु वर्ग वाले पेंशनर्स को प्रदेश सरकार के आदेशों के अनुसार बकाया राशि का भुगतान संभव हो पाया है। अभी हाल ही में दो दिन पहले बोर्ड प्रबंधन के साथ पेंशनर्स फोरम के पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया है कि 2022 के बाद सेवानिवृत हुए पेंशनर्स की पिछले देर 2 साल से लंबित चल रही लीव-इन- कैशमेंट व ग्रेच्युटी की चरणबद्ध तरीके से तीन-चार महीनों के अंदर कर दी जाएगी।

खरवाड़ा ने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा बदतर नहीं है कि अपने सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को वित्तीय लाभों की अदायगी उचित समय पर न कर पाए। लेकिन बोर्ड प्रबंधन व सरकार की गलत नीतियों से चलते बोर्ड की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है उन्होंने कहा कि आज भी विद्युत बोर्ड लिमिटेड का बिजली उपभोक्ताओं के पास बिजली बिलों का लगभग 550 करोड़ रूपया का बकाया फंसा है जिसमें सभी सरकारी विभागों का ही लगभग 275 करोड रुपए का बिल बकाया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को फ्री में दी जा रही 125 यूनिट्स की बिजली सुविधा का भी विद्युत बोर्ड की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा मुफ्त में दी जा रही बिजली की राशि सही समय पर रोलबैक नहीं हो पा रही है और आज भी लगभग 700 करोड़ से ज्यादा सरकार के पास मुफ्त में दी जा रही बिजली का बकाया है। खरवाड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में दी जा रही सब्सिडी को सभी उपभोक्ताओं के लिए जारी रखते हुए फ्री में दी जा रही बिजली सुविधा पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए सब्सिडी को बंद करने के निर्णय को लेकर भी आक्रोश है क्योंकि अभी तक प्रदेश भर में  मात्र 22687 लोगों की सब्सिडी बंद हुई है। 

खरवाड़ा ने कहा कि इस तरीके के निर्णय से प्रदेश सरकार व विद्युत बोर्ड लिमिटेड को आर्थिक तौर पर ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड में आज भी लगभग 70000 मीटर डैड स्टॉप हैं जबकि लगभग 30,000 नए कनेक्शन की फाइल पेंडिंग हैं ।उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड की कार्यप्रणाली की तरफ बोर्ड प्रबंधन द्वारा ध्यान दिए जाने की जरूरत है और कर्मचारियों की भारी भरकम कमी के चलते भी बोर्ड की कार्य प्रणाली व आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि आज युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त करने की बजाय निम्न स्तर पर नियमित भर्ती प्रक्रिया को शुरू किए जाने की जरूरत है।

आज कर्मचारी अत्यधिक काम के बोझ के तले दवे होने की वजह से तनावपूर्ण माहौल में काम कर रहे हैं और आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। ऐसी दुर्घटनाओं से इन युवा कर्मचारियों की पत्नियों का सुहाग छीन रहा है, बच्चे यतीम हो रहे हैं और माता-पिता का बुढ़ापे का सहारा छीन रहा है। खरवाड़ा ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी द्वारा विद्युत बोर्ड लिमिटेड में पैरा वर्कर्स की मात्र 6 घंटे के लिए नियुक्ति करने का प्रस्ताव सरासर गलत अन्यायपूर्ण और दिशाहीन है। उन्होंने कहा कि जिस विद्युत बोर्ड लिमिटेड की जिम्मेदारी 24 घंटे उपभोक्ताओं को सुचारू विद्युत आपूर्ति महिया करवाना हो, उसे विद्युत बोर्ड लिमिटेड में 6 घंटे के लिए पैरा वर्कर्स की नियुक्ति का प्रस्ताव अपने आप में बेईमानी है।

खरवाड़ा ने विद्युत बोर्ड लिमिटेड में पुरानी पेंशन बहाली करने और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने की वकालत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करके ही विद्युत बोर्ड लिमिटेड में सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ अति शीघ्र संवाद प्रक्रिया को जारी करने के लिए बैठक बुलाएंगे। इस मौके पर ज्वालामुखी इकाई के अध्यक्ष इंजीनियर एस एस चंबियाल, सचिव जसवंत सिंह, इंजीनियर वी के शर्मा, पूर्व अवर सचिव केएल शर्मा व  राजेंद्र कुमार ने भी पेंशनर्स को संबोधित किया।


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