गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों की सेवा ही रेडक्रॉस का मुख्य उद्देश्य: हेमराज बैरवा**उपायुक्त ने की रेडक्रॉस सोसायटी की वार्षिक सामान्य बैठक की अध्यक्षता*

धर्मशाला,
अध्यक्ष जिला रेडक्राॅस सोसायटी एवं उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने सोसायटी के स्थाई आय सृजन के लिए संसाधन विकसित करने और नवीन प्रयोग एवं प्रयास करने पर जोर दिया और इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा देने को कहा ताकि गरीब, जरूरतमंद एवं असहाय लोगों की अधिक सेवा की जा सके। वह आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार मेें सोसायटी की वार्षिक सामान्य बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में जिला रेडक्राॅस सोसायटी कांगड़ा के वर्ष 2021-22 से लेकर 2024-25 तक की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में समाज के कमजोर वर्गों की सहायता, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, पुनर्वास कार्यक्रमों और जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से संस्था के निरंतर जनसेवा कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।


उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी सेवा और समर्पण का ऐसा संगठन है जो बिना किसी भेदभाव के गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों की सेवा करता है यही रेडक्रॉस का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने  कहा कि स्थाई आय के साधन विकसित होंगे तो हम और अधिक जरूरतमंदों की मदद कर पाएंगे। हर नागरिक का दायित्व है कि वह सेवा कार्यों में सहभागी बने, यही सच्ची मानवता है।


    इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा प्रयास भवन, धर्मशाला में फिजियोथैरेपी यूनिट का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आधुनिक कम्प्यूट्रीकृत मशीनों द्वारा गठिया, मस्तिष्क पक्षाघात, लकवा, मांसपेशियों का इलाज, रीड़ की हड्डी में विकृति तथा कठोरता और पीठ की दर्द इत्यादि बीमारियों का उपचार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान रेडक्राॅस फिजियोथेरेपी क्लिनिक के माध्यम से 1777 रोगियों का सफल उपचार किया गया है। यह केंद्र बुजुर्गों, दुर्घटना पीड़ितों और दिव्यांगजनों के पुनर्वास में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।  इसके साथ ही जिला पुनर्वास केंद्र में संस्था द्वारा 370 पुनर्वास शिविर आयोजित किए गए, जिनसे 1007 दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता व उपकरण प्रदान किए गए। इन शिविरों में जरूरतमंद व्यक्तियों को व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, श्रवण यंत्र और अन्य उपकरण वितरित किए गए।

इसके अतिरिक्त रेडक्राॅस द्वारा इस अवधि में 38 रक्तदान शिविर आयोजित किए गए जिनमें 1900 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया। उन्होंने कहा कि यह सेवा जरूरतमंदों के लिए जीवनदायी सिद्ध हो रही है और इसमें जनसहभागिता भी निरंतर बढ़ रही है।
उपायुक्त ने बताया कि गत 3 वर्ष के दौरान  रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा 784 गरीब व जरूरतमंदों को 35,75,143 की वित्तीय सहायता प्रदान की गई की गई है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सीधा लाभ मिला है।

इसके अलावा रेडक्रॉस की एम्बुलेंस सेवाओं के माध्यम से इस दौरान 105 व्यक्तियों को आपातकालीन सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि संस्था की यह सेवा ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में सक्रिय रही और कई गंभीर रोगियों को समय पर चिकित्सा सुविधा प्राप्त हुई जबकि रेडक्रॉस द्वारा विभिन्न संस्थानों और समुदायों में 3850 व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण दुर्घटना या आकस्मिक स्थितियों में तुरंत सहायता देने की क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

  उन्होंने बताया कि इन 3 वर्षों में नूरपुर स्थित नशा मुक्ति केंद्र मे 1077 व्यक्तियों ने नशा मुक्ति केंद्र से लाभ प्राप्त किया। संस्था ने नशा-मुक्त समाज की दिशा में जनजागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ उपचार और पुनर्वास दोनों सुविधाएं उपलब्ध कराईं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही धर्मशाला स्थित प्रयास भवन में भी नशा मुक्ति केन्द्र शुरू कर दिया जायेगा।


उपायुक्त ने बताया कि डाॅ. आरपीजीएमसी टांडा में संचालित किए जा रहे सराय भवन में गत 2 वर्षों के दौरान रेडक्रॉस द्वारा 1483 मरीजों और उनके परिजनों को आवासीय सुविधा प्रदान की गई। यह भवन बाहरी क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध हुआ है।

उन्होेंने बताया कि इस सराय भवन 2 ओर मंजिल बनाने का प्रस्ताव है जिस पर लगभग 19 करोड़ 12 लाख रुपये व्यय होंगे। इस भवन विस्तार से मेडिकल काॅलेज में प्रदेश के दूरस्थ स्थानों से आने वाले मरीजों और आगंतुकों को बेहतर सुविधायें मिल पायेंगी, इसके साथ ही आमजन की सुविधा के लिए सराय भवन में लिफ्ट भी लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि संस्था लगातार जनसहभागिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्यरत है।


  उन्होंने बताया कि रेडक्राॅस द्वारा जूनियर रेडक्राॅस यूनिट्स में 201 विद्यालयों के 7584 विद्यार्थियों को जूनियर रेडक्राॅस इकाई से जोड़ा गया है। इसके साथ ही संस्था द्वारा दिव्यांगजन आकलन एवं सहायता शिविर में 13 मूल्यांकन शिविरों में 951 दिव्यांग व्यक्तियों का परीक्षण किया गया है, जबकि 14 शिविरों में 545 दिव्यांगों को सहायता उपकरण वितरित किए गए हैं जबकि रेडक्राॅस द्वारा इस दौरान  8 चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए जिनसे 3986 लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिला। इन शिविरों में जनरल चेकअप, नेत्र जांच, रक्त परीक्षण और परामर्श सेवाएं दी गईं।


इस अवसर पर एडीसी विनय कुमार ने कहा कि जिला रेडक्राॅस सोसायटी का मुख्य उद्देश्य सेवा ही सर्वोच्च धर्म की भावना को साकार करना है। आने वाले वर्ष में संस्था स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने, रक्तदान को और व्यापक रूप से बढ़ावा देने तथा नशा-मुक्ति एवं पुनर्वास गतिविधियों को बढ़ाना है। उन्होंने उपस्थित सभी रेडक्राॅस सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नशे के विरूद्ध युवाओं को जागरूक करें, उन्होंने कहा कि सभी प्रबुद्ध नागरिकों के अनुभव का लाभ मिले तो एक नशा मुक्त, खुशहाल और समृद्ध समाज बन सकता है।


  जिला रेडक्राॅस सोसायटी के सचिव ओपी शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया और सोसायटी की गतिविधियों बारे विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर रेडका्रॅस सोसायटी के आजीवन सदस्यों एवं अन्य सदस्यों ने सोसायटी की कार्यप्रणाली को और कारगर बनाने एवं लोगों को रेडक्राॅस से जोड़ने व आय सृजन को लेकर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। इस दौरान रेडक्रॉस मेला के आयोजन करने, रेडक्रॉस भवन के निर्माण और देहरा तथा पालमपुर में उपमंडल स्तर पर दुकानों के निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई।


इस अवसर पर उपायुक्त हेमराज बैरवा ने दिव्यांगजन को सहायता उपकरण भी वितरित किए।  इस अवसर एसडीएम मोहित रत्न, एमएस डाॅ. अनुराधा सहित रेडक्रास सोसायटी के पैटर्न सदस्य, तथा आजीवन सदस्य उपस्थित थे।

                 


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