आज बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय बहुविषयक सम्मेलन (16–18 नवंबर 2025) के अंतर्गत आयोजित पूर्व-सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के प्रथम दिवस का उद्घाटन सत्र आज अत्यंत उत्साहपूर्ण, संवादात्मक तथा ज्ञानवर्धक रहा। कार्यशाला का आयोजन हिमाचल प्रदेश के सात प्रतिष्ठित राजकीय महाविद्यालयों—जी.सी. नेरवा, जी.डी.सी. चोपल, जी.डी.सी. कंधाघाट, जी.डी.सी. निर्मंड, जी.डी.सी. संगड़ाह, ठाकुर पी.जी. कॉलेज ऑफ एजूकेशन धलियारा तथा के.डी.सी. जी.डी.सी. जैसिंगपुर—द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

इस कार्यशाला के तकनीकी भागीदार हिमालयन राइज एमएसएमई (पंजीकृत) और मनोविज्ञान विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला हैं, जो शोध, नवाचार, मानसिक स्वास्थ्य, व्यवहार अध्ययन तथा युवा क्षमताओं के विकास के लिए प्रसिद्ध संस्थान हैं।डॉ विशाल राणा ठाकुर कॉलेज से कार्यक्रम शुरू किया ,
उद्घाटन सत्र में 300 से अधिक विद्यार्थी, शोधार्थी, अध्यापक तथा विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े पेशेवर डिजिटल माध्यमों के द्वारा उपस्थित रहे। यह सहभागिता इस तथ्य को प्रमाणित करती है कि वर्तमान युग में डिजिटल मंच न केवल शिक्षा का साधन है, बल्कि वैश्विक स्तर पर विचार–विनिमय का सबसे शक्तिशाली माध्यम भी बन चुका है।

अध्यक्षीय संबोधन
सत्र की अध्यक्षता डॉ. एच.एल. शर्मा, प्राचार्य, जी.सी. नेरवा ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नई पीढ़ी को बहुविषयक शिक्षा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तकनीकी दक्षता तथा वैश्विक शोध-दृष्टि से सशक्त करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने सातों महाविद्यालयों के सामूहिक प्रयासों को हिमालयी क्षेत्र की शैक्षिक उन्नति के लिए सराहनीय बताया।
डॉ. बी.एस. चौहान, समन्वयक, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन–2025 ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में विकसित भारत @ 2047, डिजिटल परिवर्तन, साइबर मनोविज्ञान, मानव क्षमता विकास तथा नैति
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