हमीरपुर
प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग एवं बहुतकनीकी कालेजों, आईटीआई और अन्य शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तथा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी नवीनत्तम तकनीक से अवगत एवं अपडेट करवाने के लिए यहां बड़ू स्थित बहुतकनीकी कालेज हमीरपुर में आयोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुक्रवार को संपन्न हो गया।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईसीटी अकादमी, सी-डैक मोहाली तथा राजकीय बहुतकनीकी कालेज हमीरपुर के संयुक्त तत्वावधान में तथा केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रायोजन से ‘आईओटी एवं एआई का परिचय’ विषय पर आधारित यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप आयोजित किया गया।

4 अगस्त को इस कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से उदघाटन करते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक अक्षय सूद ने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शिक्षकों के लिए तकनीकी अद्यतन एवं शोध कार्यों में उपयोगी बताया।कार्यक्रम के पांचों दिन आयोजित अलग-अलग सत्रों के दौरान आईओटी एवं एआई के विशेषज्ञों ने शिक्षकों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां तथा प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया।
सी-डैक मोहाली के समन्वयक डॉ. बलविंदर सिंह ने माइक्रोकंट्रोलर एवं एम्बेडेड सिस्टम्स की बारीकियां समझाईं। एनआईटी हमीरपुर के सह-प्रोफेसर डॉ टीपी शर्मा ने प्रतिभागियों को आईओटी एवं एआई के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया। सी-डैक मोहाली की अंजू कृष्णा ने पायथन पर विस्तृत जानकारी दी।
अन्य प्रमुख वक्ताओं में एनआईटी हमीरपुर के डॉ. राजीव कुमार और डॉ प्रदीप सिंह, सी-डैक मोहाली के रोहन ढलोअड़, सीएसआईओ-सीएसआईआर के ललित बंसल और शुभम दीक्षित तथा मेजबान बहुतकनीकी कालेज के पंकज ठाकुर शामिल रहे।
इन विशेषज्ञों ने एआई एवं मशीन लर्निंग के मूल सिद्धांतों, एआई के उपयोग, सेंसर एवं एक्चुएटर्स, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, आर्डुइनो, रास्पबैरी पाई के साथ आईओटी, क्लाउड इंटीग्रेशन, कम्युनिकेशन मॉड्यूल्स, थिंगस्पीक के साथ नोड-रैड और एमक्यूटीटी जैसे विषयों पर व्याख्यान और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।
अंतिम दिन प्रतिभागियों ने आईओटी आधारित मिनी प्रोजेक्ट भी तैयार किए।कार्यक्रम के समापन अवसर पर एनआईटी हमीरपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियंत्रण विभाग के प्रमुख डॉ अश्वनी कुमार राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को नवाचार, पेटेंट तथा स्टार्ट-अप गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
मेजबान कालेज के प्राचार्य चंद्रशेखर ने तकनीकी शिक्षा निदेशक, सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी ऐसे उच्च-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।
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