किरण राही/पधर/ मंडी।
को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आव्हान पर मंडी जिला मुख्यालय पर सीटू के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया गया। अच्छे दिनो का वादा करके व मोदी की गारंटी की दुहाई देकर सत्ता में आई मोदी 1,2,3 सरकारों ने पिछले 11 सालों से कई मजदूर, कर्मचारी, किसान व आम जनता विरोधी कदम उठाए हैं। मोदी सरकार के घोषित चार लेबर कोड को लागू करने का एजेंडा पूर्णत मजदूर विरोधी है।
आजादी से पहले और बाद में मजदूरों के संघर्षों और कुर्बानियों से बने 44 श्रम कानूनों को चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं में बदल दिया गया, जिससे 74% मजदूर सामाजिक सुरक्षा व 70% उद्योग श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे लेबर कोड में हड़ताल करने पर मजदूरों को वैसे ही सख्त सजाओ का प्रावधान किया गया है जैसा कि ट्रांसपोर्ट मालिकों और ड्राइवर के लिए दुर्घटना की स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया है। मजदूर विरोधी चार लेबर कोड़ों के कारण मजदूरों के धरने, प्रदर्शनों, रैलियां व हड़तालों पर घोषित प्रतिबंध लग जाएगा तथा उन्हें करने पर मजदूरों को गंभीर सजा व जेल भुगतनी पड़ेगी।

केंद्र सरकार ने फिक्स्ड टर्म रोजगार की अधिसूचना पहले ही कर दी है जिससे मजदूर नियमित रोजगार से वंचित हो जाएगा। मजदूरों के काम के घंटे 8 से बढ़कर 12 घंटे करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। इस हड़ताल में आज रेहडी फहड़ी राज्य सचिव सुरेंद्र कुमार, जिला सचिव प्रवीण कुमार,आंगनबाड़ी जिला प्रधान विमला,सचिव सुदर्शना,वित्त सचिव अंजुला, मिड डे मील जिला उपाध्यक्ष संतोष, बीएसएनएल जिला प्रधान राकेश कुमार, सचिव नेकराम, एलआईसी मंडी युनिट प्रधान सचिव, फोर लेन प्रधान ललित, जिला सचिव राजेंद्र, एलआईसी के पूर्व नेता देवीदास,किसान सभा परसराम और रामजी दास, महिला समिति प्रधान जिला बिना वैद्य, एचपीएमआरए के राज्य सचिव जगदीश ठाकुर, प्रधान प्रकाश ठाकुर,इंटक जिला प्रधान वा पी कपूर जिला सचिव नरेश शर्मा और सीटू के जिला महासचिव राजेश शर्मा और जिला सहसचिव गोपेंद्र ने संबोधित किया।

आज की मुख्य मांगे निम्नलिखित प्रकार से हैं मजदूर योजनाओं कर्मियों विरोधी 4 श्रम संहिताएं खत्म करो। सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन 26000 रुपए प्रतिमा लागू करो। आंगनवाड़ी मिड डे मिल कर्मियों को श्रमिकों के रूप में मान्यता दो।नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को समाप्त करो। काम के घंटे बढ़ाने के लिए वैंधानिक संशोधन को निरस्त करो। एनपीएस को रद्द करो। बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए। बिजली का निजीकरण बंद करो स्मार्ट मीटर योजना वापिस ली जाए। मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रांसपोर्ट मालिकों और ड्राइवर विरोधी भारी जुर्माने व सजा के बदलाव को रद्द करो। स्ट्रीट वेंडर एक्ट में बदलाव नहीं चलेगा।
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