ऊना वन मंडल में इस मानसून सीजन में रोपे जाएंगे 2.80 लाख पौधे                 61 हेक्टेयर भूमि पर होगा पौधारोपण, लगाए जाएंगे 13 प्रजातियों के पौधे


वन मंडल ऊना में इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान 2 लाख 80 हजार पौधे रोपित किए जाएंगे। इन पौधों में जामुन, शीशम, खैर, आंवला और दरेक सहित कुल 13 प्रजातियां शामिल हैं। डीएफओ सुशील कुमार ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के चलते मिट्टी में पर्याप्त नमी है, जो पौधारोपण के लिए अत्यंत अनुकूल वातावरण प्रदान कर रही है।


61 हेक्टेयर भूमि पर होगा पौधारोपण
54 हेक्टेयर पर बडे़ जबकि 7 हेक्टेयर पर छोटे पौधे होंगे रोपित
सुशील कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत कुल 61 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है, जिसमें जुलाई और अगस्त महीने में 54 हेक्टेयर पर बड़े और 7 हेक्टेयर पर छोटे पौधे लगाए जाएंगे।


डीएफओ ने बताया कि राजीव गांधी संवर्द्धन योजना के अंतर्गत जिला के महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों की मदद से यह पौधा रोपण किया जाएगा। इसके लिए 17 स्वयं सहायता समूहों का चयन किया गया है जिनके माध्यम से 28 हज़ार 800 पौधे रोपित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पौधारोपण के बाद पौधों की देखरेख का कार्य भी महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा और फैंसिंग का कार्य विभाग द्वारा होगा।

इसके अलावा पिछले सीज़न में किए गए पौधारोपण की मेंटेनेंस कार्य भी सुनिश्चित किया जाएगा जिसमें जिन पौधों का विकास नहीं हुआ हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं उनकी जगह नए पौधे रोपित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए कुल 83 पौधे रोपित किए जाएंगे।


किसानों की निजी भूमि पर खैर के 88 हज़ार पौधे होंगे रोपित
डीएफओ ने बताया कि किसानों को अपनी निजी भूमि पर पौधे रोपित करने के लिए 88 हज़ार खैर के पौधों का निःशुल्क वितरण भी किया जाएगा ताकि आने वाले समय में उनकी आजीविका में भी सुधार हो सके और पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मदद मिल सके।


एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत रोपित होंगे 5500 पौधे
उन्होंने बताया कि एक पेड़ मां के नाम योजना के अंतर्गत जिला के विभिन्न स्कूलों में 50 हज़ार पौधे और स्वास्थ्य संस्थानों में 5 हज़ार पौधे रोपित किए जाएंगे।


डीएफओ ने बताया कि पर्यावरण को धार्मिक दृष्टि से देखते हुए पीपल, बिल, बरगद और शामिंग के 5 हज़ार पौधे भी रोपे जाएंगे। उन्होंने जिलावासियों से अपील की है कि इस पौधारोपण अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लें ताकि धरती को हराभरा बनाया जा सके ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ जलवायु और पर्यावरण मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को पौधारोपण के लिए पौधे प्राप्त करनो चाहता है तो वह वन विभाग या विभागीय नर्सरी से सम्पर्क कर सकता है।


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