इस दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए कौशल विकास के महत्त्व पर ज़ोर दिया।

साथ ही, मुख्यमंत्री ने निगम को बाज़ारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने और उसे प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युवाओं की क्षमता और रोज़गार-योग्यता बढ़ाना सभी योजनाओं का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक अतुल करोहटा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव आशीष सिंह एवं संदीप कदम तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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