जीआईएस प्रौद्योगिकी का हिम कृषि योजना में एकीकरण सतत कृषि विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम- चंद्र कुमार

कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने शुक्रवार को पालमपुर में हिमकृषि योजना के तहत क्लस्टर मैपिंग एवं कार्य योजना तैयार करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के अनुप्रयोग पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।


कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्रौद्योगिकी को हिम कृषि योजना में एकीकृत करना सतत कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश के अनुसार क्लस्टर मैपिंग के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली एक बेहतर उपकरण है। इसके इस्तेमाल से बहुत कम समय में क्लस्टर मैपिंग की जा सकती है।


उन्होंने यह भी कहा कि जिला कांगड़ा में हम कृषि योजना के तहत पायलट आधार पर चयनित 30 क्लस्टरों में भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग से रिसोर्स मैपिंग कर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन चुनौती के अनुरूप आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयास किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को लैंड यूज प्लानिंग को खंड स्तर पर तैयार करने के निर्देश दिए।


उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए वचनबद्ध है। इसी दिशा में नकदी फसलों की ओर बढ़ावा, फसल विविधीकरण तकनीक अपनाने को किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इससे पहले कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक कृषि राहुल कटोच ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कार्यशाला में की गई गतिविधियों की जानकारी भी दी।
कार्यशाला में कृषि में जीआईएस अनुप्रयोगों से अधिकारियों को परिचित कराने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र भी किया गया था।


कार्यशाला में संयुक्त निदेशक कृषि डॉ सुरेश कुमार, उपनिदेशक कृषि डॉक्टर कुलदीप, जीआईजेड एडवाइजर जगदीश पुरोहित, प्रयोजन निदेशक आत्मा डॉ राजकुमार, जिला कृषि अधिकारी डॉ गौरव सूद, वरिष्ठ कृषि अधिकारी, विषय बाद विशेषज्ञों ने भाग लिया।


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