हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में आज निर्धारित आपदा संबंधित मैगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में सरकाघाट के गौंटा में भूकम्प पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया।
इस मॉक अभ्यास में पुलिस, होमगार्ड, अग्रिशमन, जल शक्ति, लोक निर्माण, आयुष, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, एचआरटीसी तथा सूचना एवं जन संपर्क विभागों के अधिकारियों व कर्मियों ने भाग लिया।

सरकाघाट के गौंटा में आयोजित इस मैगा मॉक ड्रिल को एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा की निगरानी में आयोजित किया गया। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में आपदा नियंत्रण केंद्र से पूर्वाभ्यास का संचालन किया ।
इस बात की पुष्टि करते हुए एसडीएम स्वाति डोगरा ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित टास्क भूकम्प को लेकर मैगा मॉक अभ्यास आयोजित किया गया। एसडीएम स्वाति डोगरा ने बताया कि आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमों ने गौंटा में भंकम्प जैसी आपदा से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया। इस मैगा मॉक ड्रिल को आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य जहां भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन की तैयारियों को जांचना रहा। वहीं लोगों को इन प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक करना रहा।

उन्होंने बताया कि प्रातः 9:30 बजे सायरन बजते ही प्रतीकात्मक भूकम्प आने की सूचना प्राप्त होते ही आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सभी टीमें सक्रिय हो गई। इसमें अलग – अलग जगहों पर बहुमंजिला भवनों फंसे लोगों को निकालने, उन्हें प्राथमिक उपचार देने और यातायात प्रबंधन के बेहतर तरीके से निपटने से जुड़े सभी पहलुओं का अभ्यास किया गया।
उन्होंने बताया कि निर्धारित टास्क के तहत जैसे ही स्थानीय प्रशासन को गौंटा में भूकम्प से हुए नुकसान की सूचना प्राप्त हुई तो इंसीडेंट कमांडर एवं तहसीलदार सरकाघाट मुनीश कुमार की अगुवाई में राहत एवं बचाव कार्य हेतु टीम को मौके पर भेजा गया।
भूकम्प के कारण गौंटा में तीस परिवार प्रभावित हुए जिनमें से 60 घायलों को सुरक्षित निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि आंशिक रूप से घायलों को मौके पर मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया तथा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को एंबुलेंस के माध्यम से चिकित्सीय जांच को सिविल अस्पताल सरकाघाट भेजा गया।

एसडीएम ने बताया कि मैगा मॉक ड्रिल के दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत गौंटा में कमांड पोस्ट, स्टेजिंग एरिया, मेडिकल कैंप स्थापित किये थे। इसके अलावा प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविर भी लगाया गया था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मैगा मॉक अभ्यास आयोजन का उद्देश्य भूकम्प जैसी आपदा के दौरान जहां तैयारियों को जांचना था तो वहीं चलाए जाने वाले विभिन्न राहत व बचाव कार्यों का भी अभ्यास करना था।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मैगा मॉक ड्रिल के दौरान राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों के प्रति विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय भी स्थापित करना रहा। इसके अलावा विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध मशीनरी सहित सभी उपकरणों को भी जांचना रहा, जिनका इस तरह की आपदा के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है।उन्होंने स्थानीय लोगों से भी अपील की कि इस तरह के मॉक अभ्यास से घबराएं नहीं बल्कि स्वयं को भी जागरूक करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसी किसी प्राकृतिक आपदा में स्थानीय प्रशासन, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग मिलकर न केवल जान माल के नुकसान को कम कर सकते हैं बल्कि समयबद्ध राहत व बचाव कार्य शुरू करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। साथ ही कहा कि भविष्य में इस तरह की कोई भी आपदा घटित होती है तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को देना सुनिश्चित बनाएं।

इस मॉक ड्रिल के दौरान तहसीलदार मुनीश कुमार, नायब तहसीलदार भदरोता जगदीश चड्डा, उपमण्डलीय कानूनगो सुरेन्द्र कुमार, कार्यालय कानूनगो भदरोता राजिन्द्र पूरी, फिल्ड कानूनो रखोटा होशियार सिंह, फिल्ड कानूनगो गाहर राजीव कुमार, सीडीपीओ अनीता शर्मा, थाना प्रभारी रजनीश ठाकुर, एचडीओ उद्यान विभाग डॉ विपिन कुमार, तहसील वैलफेयर अधिकारी जगदीश कुमार शर्मा, आर एम एचआरटीसी मेहर चन्द व कर्मचारी मौजूद रहे।
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