हिमाचल प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा, नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने आज ग्राम पंचायत सलाओं का दौरा किया और एक जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। इस अवसर पर ग्राम पंचायत कांग्रेस कमेटी के प्रधान आज़ाद वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं से संबंधित समस्याएं मंत्री के समक्ष रखीं। मंत्री धर्माणी ने जनसमस्याओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनकल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सभी शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठा रही है और ग्रामीण विकास राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।
मंत्री धर्माणी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्राम पंचायत सलाओं में विभिन्न संपर्क सड़कों के निर्माण हेतु अब तक 15 लाख रूपए व्यय किए जा चुके हैं, जबकि लगभग 17 लाख रूपए के कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग आवश्यक है और ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे सड़कों के निर्माण के लिए स्वेच्छा से भूमि उपलब्ध करवाएं, ताकि कार्यों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।

उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक विकास के लाभ पहुंचाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस वर्ष भी आपदाओं के कारण अनेक बहुमूल्य जीवन असमय काल का ग्रास बन गए हैं, जिनकी क्षति अपूरणीय है। सरकार प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत कार्यों में जुटी है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी को मजबूत करने की दिशा में कई योजनाएं चला रही है, जिनका उद्देश्य किसानों-बागवानों की आय में वृद्धि करना है। उन्होंने बताया कि गाय व भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में आशातीत वृद्धि से पशुपालकों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है, और भविष्य में इसमें और बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 90 रूपए प्रति किलोग्राम किया गया है।
उन्होंने कहा कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा तक सभी छात्रों की पहुंच सुनिश्चित करना सरकार का संकल्प है। इसी दिशा में सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं, जो ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे। साथ ही, शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना विधवा, तलाकशुदा, बेसहारा और विकलांग माता-पिता की संतानों के लिए आशा की किरण बनी है। इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लिए 1000 रूपए मासिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त, जो बच्चे स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं, उनके ट्यूशन और छात्रावास व्यय की प्रतिपूर्ति भी सरकार द्वारा की जा रही है।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार बेसहारा बच्चों को सुरक्षा, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन हेतु आवश्यक सहायता उपलब्ध करवा रही है। मंत्री ने ग्रामीणों से आह्वान किया कि वे पात्र व्यक्तियों तक इन योजनाओं की जानकारी पहुंचाएं ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी इनका लाभ प्राप्त कर सकें।

मंत्री धर्माणी ने आश्वासन दिया कि ग्रामीणों द्वारा उठाई गई प्रत्येक समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
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