किरण राही/पधर (मंडी)।
मील्क फेडरेशन विभाग के माध्यम से दूध के उचित दाम मिलने से किसानों की रूची पशुपालन की ओर बढ़ने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में दूध का उत्पादन किसानों के लिए आर्थिकी का मुख्य जरिया बनने लगा है। पंचायतों के माध्यम से मनरेगा में कार्य दिवस न मिलने से खासकर महिलाओं ने अपनी रूची दूध उत्पादन की ओर बढ़ाई है।
दुग्ध संग्रह केंद्र कुन्नू में किसान सहकारी सोसायटियों के माध्यम से अपना दूध पहुंचा रहे हैं। संग्रह केंद्र के अधीन किसान नई सोसायटियों का पंजीकरण करवा रहे हैं। कुन्नू, पाली, सिलग, पाखरी, हुल्लू, बड़ागांव, पदवाहण, भड़वाहण, चैंरा, कलेरा, द्रूघ, ढाढू, मसवाहण उरला सोसायटियों के माध्यम से रोजाना सैंकड़ों लीटर दूध मील्क प्रोडक्शन सेंटर कुन्नू पहुंच रहा है।
सरकार की ओर से बढ़ाए गए दूध के दाम से दूध की गुणवता में भी सुधार हो रहा है। पशु पालकों के दूध उत्पादन में गुणवता लाने के लिए फेडरेशन हमीरपुर स्थित अपने प्लांट से फीड चारा उपलब्ध करवा रहा है। फेडरेशन की ओर से मसवाहण, चैंरा, थल्टूखोड, भड़वाहण में हाल ही में नई सोसायटियों का पंजीकरण किया गया है।

फेडरेशन के माध्यम से पशु पालकों को जागरूक कर उन्हें सोसायटियोें के माध्यम से अपने दूध को बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दुग्ध संग्रह केंद्र कुन्नू में रोजाना पांच हजार लीटर के करीब मील्क की कुलेक्शन हो रही है। संग्रह केंद्र में दूध की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए पशुपालकों को सोसायटियों के माध्यम से जागरूकता शिविर लगाकर जागरूक किया जा रहा है।
आवदेन करने पर भी लंबे समय से मनरेगा में कार्य दिवस नहीं मिल रहे हैं। परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध उत्पादन को बढ़ावा देना मजबूरी बन गई है। ममता देवी।
फेडरेशन के माध्यम से अच्छी क्वालिटी के दूध के अच्छे दाम मिलने लगे हैं। किसान रोजाना अपने दूध की गुणवता जांच कर दूध के अच्छे दाम प्राप्त कर रहे हैं।
दुनी चंद।
दूध की गुणवता में सुधार लाने के लिए किसानों को सोसायटियों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। फेडरेशन के दुग्ध क्षेत्र कुन्नू में उत्पादन क्षमता में रोजाना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हितेश शर्मा इंचार्ज एमपीएस कुन्नू।
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