वन संरक्षण के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित करें वन मित्रः सुखू

हमीरपुर, न्यूज़ हिमाचल 24

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नादौन के दो महिला मंडलों अमलैहड़ व भवड़ां को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। यह दोनों महिला मंडल दो-दो हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण करेंगे और पांच वर्षों तक इनकी देखभाल भी सुनिश्चित करेंगे। इस योजना के तहत बंजर और क्षतिग्रस्त वन क्षेत्रों में फलदार पौधों का रोपण कर हरित आवरण बढ़ाया जाएगा। इस योजना से महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर लोगों को रोज़गार और आय के अवसर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।


मुख्यमंत्री ने ग्रीन एडॉप्शन योजना का शुभारम्भ किया। पहले चरण में अंबुजा कंपनी 25 हेक्टेयर, अडानी फाउंडेशन 10 हेक्टेयर तथा अल्ट्राटेक 10 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कर उनकी देखभाल सुनिश्चित करेंगे, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रमाण-पत्र सौंपे। इस योजना के तहत निजी उद्यम, कंपनियां और गैर-सरकारी संगठन बंजर वन भूमि को गोद लेकर पौधरोपण करेंगे। यह योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कंपनियों को कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का अवसर भी प्रदान करती है।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त वन मित्रों की पासिंग परेड का निरीक्षण किया और उनके साथ संवाद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वन विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी थी, जिससे वन संरक्षण में बाधा आ रही थी।

इसलिए मेरिट के आधार पर वन मित्रों की नियुक्ति की गई है और इसमें बेटियां नौकरियां प्राप्त करने में आगे निकल गई। आप निश्चिंत रहिए, आपकी भविष्य की नीति पर विचार किया जाएगा। आप ही वनों के सच्चे संरक्षक हैं। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में भी महिलाओं के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। लाहौल-स्पीति में उपायुक्त से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारी महिलाएं हैं और फैसले लेने का अधिकार उन्हें दिया गया है।’’


ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है। हमारी यह पवित्र भूमि न केवल संस्कृति और आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति ने अनेक उपहार दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन संपदा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हमारी अर्थव्यवस्था और पर्यटन के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं। वनों के महत्त्व को देखते हुए हमारी सरकार ने सत्ता की बागडोर संभालते ही हिमाचल प्रदेश को ग्रीन राज्य बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा मंे वन विभाग द्वारा अनेक योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की जा रही हैं। प्रदेश सरकार की वन मित्र योजना इन्हीं सफल योजनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोज़गार देना और आम लोगों तक वन विभाग की योजनाओं का लाभ पहुंचाना तथा वन संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित करना ही वन मित्र योजना का उद्देश्य है। उन्होंने वन मित्रों से केवल वनों की सुरक्षा तक सीमित न रहकर ग्रामीण समुदायों को वनों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि प्रदेश में वनों को बचाया जा सके।


उन्होंने वन मित्रों से अवैध कटान रोकने, आगजनी जैसी घटनाओं के प्रति सतर्क रहने, पौधरोपण और जंगल को विकसित करने के अभियानों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाकर इन कार्यों में जनसहभागिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि वन मित्रों ने वन संरक्षण की जो शपथ ली है, वह केवल औपचारिकता न होकर वनों के प्रति समर्पण, श्रद्धा और जिम्मेदारी का प्रतीक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन मित्र योजना हिमाचल प्रदेश के हरित स्वाभिमान जंगलों के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने नगर निगम हमीरपुर में तीन नए वेलनेस सेंटर खोलने की घोषणा भी की।


इस अवसर पर उन्होंने ‘संवाद’ स्मारिका तथा पुस्तक ‘द मांऊटेन्स विल्डेरनेस ऑफ स्पीति’ का विमोचन भी किया।
वन मित्रों की हाजिरी के लिए विभाग की एक मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने बेहतर कार्य करने वाले पालमपुर के ब्लॉक अधिकारी राकेश कुमार व उनकी टीम तथा चंबा के अरण्यपाल अभिलाष दामोदर और उनकी टीम को सम्मानित किया।


अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) के.के. पंत ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नवनियुक्त वन मित्रों को शुभकामनाएं दी।
इससे पहले, पीसीसीएफ (हॉफ) समीर रस्तोगी ने मुख्यमंत्री का कार्यक्रम में पधारने के लिए स्वागत किया और वन मित्रों के प्रशिक्षण बारे विस्तार से अवगत करवाया।


इस अवसर पर विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, कांगड़ा कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चंद्र पठानिया, हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष मोहन लाल, एपीएमसी अध्यक्ष अजय शर्मा, पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा, कांग्रेस नेता डॉ. पुष्पिंदर वर्मा, सुमन भारती, सुभाष ढटवालिया, उपायुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भगत सिंह और अन्य गणमान्य उपस्थित थेे।


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