बेसहारा बच्चों के लिए वरदान साबित होगी सुख शिक्षा योजना
धर्मशाला 4 दिसंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रतिबद्धता जाहिर की थी कि सत्ता में आते ही उनकी सरकार जनता को दी हुई सारी गारंटियां पूर्ण करेगी। अपनी सक्षम कार्यशैली और कड़े निर्णयों से मात्र दो वर्षों में मुख्यमंत्री ने सात गारंटियों को पूरा कर अपने विश्वसनीय नेतृत्व का परिचय पूरे प्रदेश की जनता को दिया है।
बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दरिणी के वार्षिक उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने यह उद्गार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि आगामी 11 दिसम्बर को सरकार के दो वर्ष पूरा होने के अवसर पर सरकार द्वारा सात गारंटियां पूरी कर दी जाएंगी और शेष गारंटियों को भी इसके बाद चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
केवल ने कहा कि इस दौरान सरकार द्वारा शुरू की जा रही सुख शिक्षा योजना बेसहारा बच्चों के लिए वरदान साबित होगी। योजना के तहत विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं के 23 हजार बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवार पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पीजी के लिए बच्चों को प्रतिमाह तीन-तीन हजार रूपये सरकार देगी। निराश्रित बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की पहल पर इस योजना की शुरुआत की जा रही है।
उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि शिक्षित विद्यार्थी, जिम्मेदार नागरिक बन सशक्त समाज का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के कायाकल्प के लिए अनेक नवाचार कदम उठाए हैं। ऐसी ही एक पहल है ‘अपना विद्यालयः द हिमाचल स्कूल अडोप्शन प्रोग्राम’ इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेशवासी राजकीय पाठशालाओं को गोद लेकर शिक्षा क्षेत्र के सुधार में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित कर रहे हैं। विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनका सामाजिक विकास भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, नशे की प्रवृति इत्यादि आदतों से आज का युवा समाज से विमुख हो रहा है। युवाओं को समाज के प्रति जिम्मेदारियों का बोध करवाने के लिए सरकार द्वारा विद्यालय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका है तथा शिक्षा क्षेत्र के सुधार में शिक्षकों की रचनात्मक सहभागिता जरूरी है।
उन्होंने राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षकों को अपने विद्यालयों में ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए, जिसमें विद्यार्थी राष्ट्रभक्ति, संस्कार और देश प्रेम की भावना के साथ आगे बढ़ सकें।
विद्यालयों में बच्चों की करियर काउंसलिंग, नशे की बुराईयों, महिला सशक्तिकरण, कानूनी जानकारी और मौलिक कर्त्तव्यों की जानकारी देना भी अत्यंत जरूरी है।
उन्होंने ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश को विकास के हर क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इससे पहले प्राचार्य श्री नरेंद्र शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और स्कूल की वार्षिक गतिविधियों की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि इस समय स्कूल में 391 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और गत वर्ष 11 बच्चे बोर्ड की मेरिट लिस्ट में रहे हैं।
इस अवसर पर बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए तथा मुख्यातिथि ने मेधावी बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर एसएमसी प्रधान गगन सिंह, जिला परिषद ऋतिका शर्मा, उप प्रधान पप्पू राम व विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित रहे।