भारतीय सांस्कृतिक विरासत का  संरक्षण एवं विकास आवश्यक:प्रोफ़ेसर जितेन्द्र कुमार


उद्घाटन समारोह: विरासत-लोक नृत्य व लोक संगीत फेस्टिवल
————————————————————
डाडा सिबा, 10 अक्टूबर : भारतीय सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन हेतु प्रयासरत ““सभ्याचारक रंग मंच” द्वारा भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग  जिला कांगड़ा स्थित धर्मशाला के निर्देशन में  शिवालिक इन्टर नेशनल कान्वेंट स्कूल नंगल चौक में “विरासत-लोक नृत्य व लोक संगीत फेस्टिवल” का आयोजन किया जा रहा है I


इसका शुभारम्भ करते हुए राजकीय महाविद्यालय डाडासिबा के प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर जितेन्द्र कुमार ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत का  संरक्षण एवं विकास आवश्यक है I लोककलाओं  का लोकजीवन से अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।  इन कलाओं  का विकास समाज के विकास के साथ हुआ है। आवश्यकता है कि इस कला को जीवित रखा जाय और कलाकारों को प्रोत्साहन मिले।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एम्.डी. डॉ. मलकियत सिंह राणा ने कहा कि भारतीय संस्कृति समूचे विश्व को आकर्षित करती है, लेकिन हम भारतीय ही अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहें हैं। जनसमुदाय विशेषतया युवाओं को  अपनी सभ्यता, संस्कृति और मान्यताओं से जोड़े विना हम सामाजिक उन्नति नहीं कर सकते हैं । इसलिए ऐसे उत्सवों के माध्यम से कला एवं संस्कृति से युवा वर्ग को रूबरू करवाना आवश्यक है ।


उत्सव की शुरुआत कला की देवी सरस्वती की वंदना से की गई । लोक नृत्य “नाटी”  ने कला एवं  संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया  ।  लोक गीतों पर दर्शक नाचने पर मजबूर हो गए । युवा कलाकारों ने उपस्थित दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया । विरासत-लोक नृत्य व लोक संगीत फेस्टिवल में लोक नृत्य “नाटी” एवं संबोधित करते हुए प्रोफ़ेसर जितेन्द्र कुमार व डॉ. मलकियत सिंह राणा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *