घुमारवीं
बिलासपुर जिला के उपमंडल घुमारवीं की पंचायत कोठी के गांव पन्याला के प्रगतिशील बागवान हरिमन शर्मा को उनकी असाधारण बागवानी उपलब्धियों के लिए “पद्मश्री” सम्मान के लिए चुना गया है। हरिमन शर्मा ने कम ठंडे क्षेत्रों में उगने वाली सेब की किस्म ‘HRMN 99’ विकसित की है, जो समुद्र तल से मात्र 1,800 फीट की ऊंचाई पर फलती-फूलती है। यह सेब की किस्म अपनी तरह का पहला नवाचार है, जो स्कैब रोग प्रतिरोधी है और आर्थिक रूप से बेहद लाभकारी साबित हुई है।
बागवान हरिमन शर्मा सेब की किस्म (HRMN 99) की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, जाम्बिया और जर्मनी जैसे देशों में भी है। अब तक 14 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं और 1 लाख से अधिक बागवान इसका उपयोग कर रहे हैं। राष्ट्रीय नवप्रवर्तन फाउंडेशन (NIF) ने इसके गोद लेने और फलने के अध्ययन के तहत देश के 29 राज्यों में 33,000 पौधे लगाए। इसके अलावा, हरिमन शर्मा ने 6,000 से अधिक किसानों को 1.9 लाख से अधिक सेब के पौधे वितरित किए और बगीचों की स्थापना का नेतृत्व किया।
सेब के अलावा, हरिमन शर्मा अपने बागों में आम, कीवी और अनार जैसे फलों की भी खेती करते हैं। उनका यह बहुमुखी प्रयास किसानों को प्रेरणा देता है कि किस तरह मेहनत और नवाचार के माध्यम से कृषि में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं। इस साल देश के 113 व्यक्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है, जिसमें बागवानी के क्षेत्र से हरिमन शर्मा का नाम गर्व से शामिल है।
हरिमन शर्मा की यह उपलब्धि न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। नवाचार ने किसानों व बागवानों को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने के साथ ही कृषि के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।