बिलासपुर।ब्यूरो।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आदर्श चुनाव प्रबंधन और नवाचारों के लिए बिलासपुर जिले को राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित “बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिस अवार्ड-2025” प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में यह पुरस्कार उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को प्रदान किया।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और लाहौल-स्पीति जिलों को देश के 788 जिलों में से चुने गए 15 विशिष्ट जिलों की सूची में शामिल किया गया। यह सम्मान चुनावों में पारदर्शिता, समावेशिता, और मतदाता जागरूकता के लिए की गई अभूतपूर्व पहलों के लिए दिया गया।
जिले का योगदान और उपलब्धियां
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बिलासपुर जिले ने 418 पोलिंग स्टेशनों की स्थापना की, जिनमें 16 मॉडल पोलिंग स्टेशन, 8 महिला-प्रबंधित स्टेशन और एक दिव्यांगजनों द्वारा संचालित पोलिंग स्टेशन शामिल थे। स्वीप (SVEEP) गतिविधियों के तहत, जिले में 4473 नए मतदाताओं को जोड़कर लोकतंत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई।
विशेष प्रयास और नवाचार
चुनाव प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए जिले में जागरूकता अभियानों का संचालन किया गया। कम मतदान वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, साहित्यकार रतन चंद निर्जर ने क्षेत्रीय दौरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और “मेरा वोट, मेरी ड्यूटी” गीत ने प्रेरक संदेश दिया।
जिला मेलों, नुक्कड़ नाटकों, और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से मतदाता शिक्षा को बढ़ावा दिया गया। साथ ही, “डेमोक्रेसी वैन,” डिजिटल आमंत्रण कार्ड, और सोशल मीडिया अभियानों के जरिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाई गई। मतदान केंद्रों पर छाया, ओआरएस, और क्रेच जैसी सुविधाओं ने समावेशी चुनाव सुनिश्चित किए।
उपायुक्त का संदेश
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा, “यह पुरस्कार न केवल मेरे लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। यह सफलता टीम बिलासपुर के अथक प्रयासों और जिले के नागरिकों के सहयोग का परिणाम है।” उन्होंने इस उपलब्धि को सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समर्पित करते हुए उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
-#जिले के लिए गर्व का क्षण
यह उपलब्धि हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव का विषय है और बिलासपुर जिले की प्रतिबद्धता को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देती है। यह पुरस्कार चुनाव प्रक्रिया में उत्कृष्टता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है और भविष्य में लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के प्रयासों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।