अंशुल शर्मा।घुमारवीं
पूर्व सैनिक कल्याण समिति हिमाचल प्रदेश ने 25 वां कारगिल विजय दिवस वीर बलिदानी स्मारक घुमारवी में मनाया । सर्वप्रथम अनेकों युद्धों में प्राण न्योछावर करने वाले रणबाकुरों और हिमाचल प्रदेश के 52 वीर सपूतों को जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी जान की आहुति दी, उन्हें मुख्य अतिथि ग्रुप कैप्टेन आर० एस० राजपूत, अफसर इनचार्ज, इ० सी० एच० एस० घुमारवीं , वरिष्ठ अतिथि चंद्र पाल सिंह उप मण्डल पुलिस अधिकारी घुमारवी, स्क्वाइन लीडर मोनिका वशिष्ठ, सी० एस० डी० कैंटीन अधिकारी घुमारवी, दिनानाथ तहसीलदार घुमारवीं एवं पूर्व सैनिक कल्याण समिति प्रदेशाध्यक्ष कैप्टेन संजय कुमार सहित प्रदेश के उपस्थित पूर्व सैनिकों ने श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा।
मुख्य अतिथि ने वीर नारियों और 13 जम्मु व कशमीर राणाल के जवानों को सम्मानित किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेशाध्यक्ष कैप्टेन संजय कुमार ने कहा की पदेश के 52 रणबांकुरों सहित देश के 527 वीरों ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणो की आहुति दी थी । कारगिल युद्ध 14 मई 1999 को आरम्भ हुआ । जब 4 जाट रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया के साथ चार जवानों का गश्ती दल काकसर सेक्टर में बजरंग पोस्ट की ओर शत्रु की उपस्थिति की पुष्टि के लिए रवाना हुआ लेकिन दूसरे ही दिन उनके साथ संपर्क टूट गया।
शत्रु ने 09 जून को लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया का क्षत-विक्षत शरीर हमें लौटाया। कैप्टेन विक्रम बत्तरा की ” ये दिल मांगे मोर की पुकार आज भी मश्कोह घाटी में प्रतिध्वनित हो रही है। शत्रु के खेमे में “शेरशाह” के नाम से प्रशिद्ध इस जांबाज अफसर ने कई चोटियां फतह करने के बाद अंततः पॉइंट 4875 पर कब्जा करते समय अपने प्राण न्योछावर कर दिए । मरणोपरांत कैप्टेन विक्रम बत्तरा को बहादुरी के लिए सर्वोच्च युद्ध पदक “परम वीर चक्र” से नवाजा गया लेकिन मश्कोह घाटी की 4875 पोस्ट टॉप फ्लैट पर कब्जा करने की जिम्मेबारी राइफलमैन (वर्तमान में सूबेदार) संजय कुमार को सौंपी गई ।
राइफलमैन संजय कुमार ने फ्लैट पोस्ट पर कब्जा करने के साथ ही मश्कोह घाटी की 4875 पोस्ट टॉप फ्लैट पर भारतीय तिरंगा फहरा दिया । राइफलमैन संजय कुमार को इस अदम्य साहस के लिए सर्वोच्च युद्ध पदक ‘परम वीर चक्र” से सम्मानित किया गया ।
प्रदेशाध्यक्ष कैप्टेन संजय कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि जिला ऊना से वीर चक्र से सम्मानित कै. अमोल कालिया तथा राइफल मैन मनोहर लाल । जिला काँगड़ा के राइफल मैन अशोक कुमार, सिपाही जगजीत सिंह, लांस नायक पदम सिंह, सिपाही विजेंद्र सिंह, नायक ब्रह्म दास, गरनेडियर जोगिंदर सिंह, नायक राकेश, पैरा कमांडो लखवीर सिंह, परम वीर चक्र कै, विक्रम बत्रा, लांस नायक वीर सिंह, राइफल मैन संतोख सिंह, सुनील जंग मेहतो, गरनेडियर सुरजीत सिंह, हवालदार सुरेंद्र सिंह, लै. सौरभ कालिया व खेम राज ।
जिला मंडी से हवालदार किशन चंद, नायब सूबेदार खेम चंद, लास हवालदार गुरदास सिंह, सिपाही टेक चद, कै.दीपक गुलेरिया, सिपाही नरेश कुमार, पुरान चंद, राजेश चौहान, नायक सरबन कुमार, सिपाही हीरा सिंह। शिमला से गरनेडियर अनन्त राम, नरेश कुमार, यशवत सिह, राइफल मैन श्याम सिंह । सिरमौर से राइफल मैन कल्याण सिह, कुलबिदर सिंह । जिला सोलन से सिपाही धर्मेंद्र, राइफल मैन प्रदीप कुमार।
जिला हमीरपुर से हवालदार कश्मीर सिंह, सिपाही दिनेश कुमार, प्रवीण कुमार, राकेश कुमार, राइफल मॅन दीप चंद, सिपाही सुनील कुमार, हवालदार राज कुमार राम चन्देल | जिला बिलासपुर के सिपाही अशवनी कुमार, सेना मेडल से सम्मानित, हवालदार उधम सिंह, वीर चक्र से सम्मानित, हवालदार प्यार सिंह, नायक मस्त राम, नायक मगल सिंह, हवालदार राजकुमार, राइफल मैन विजय पाल सिंह, सहित प्रदेश के इन रणबांकुरों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी थी ।
इस अवसर पर कैप्टेन जोगिन्दर सेन (उपाध्यक्ष), कैप्टेन प्रीतम सिंह, (कैप्टेन प्रकाश सिंह, जगत पाल पाथ्क, बिचित्र सिंह, हवलदार चमन लाल, कमर सिह (13 जम्मू व कश्मीर राइफ्ल) कैप्टेन कुलबीर सिंह, अमर नाथ धीमान, सुभाष चन्द शुक्ला, सीता राम, राज कुमार, राजेश कुमार, हरिनाम सिंह ,सूबेदार मेजर किशोरी लाल, सर्वजीत सिह, जय सिंह, बुधि सिंह, जोगेंद्र चंदेल, राम लाल, रमेश कुमार, रत्तन लाल, सुंदर सिह,सूबेदार हेम राज, अम्बा प्रशाद, बीर सिंह, जगन नाथ शर्मा, भिम सिंह गुलेरिया नायब लच्छू राम, नन्द लाल, शिव सिंह,हवलदार जगन नाथ, अमर सिंह, रूप लाल, लेख राम आदि उपस्थित रहे ।