विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सुक्खू सरकार के दो साल पूरे होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में आयोजित जश्न को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस समारोह में कांग्रेस की केंद्रीय लीडरशिप के एक भी नेता का नाम निमंत्रण पत्र में नहीं होना स्पष्ट करता है कि पार्टी आलाकमान ने सुक्खू सरकार से दूरी बना ली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आए दिन दिल्ली जाकर कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं को इस जश्न समारोह का न्योता देते रहे लेकिन कांग्रेस की लीडरशिप ने इस समारोह से दूरी बना ली है।
राणा ने आरोप लगाया कि झूठी गारंटियों के चलते प्रदेश की जनता को ठगा गया है और इसी वजह से कांग्रेस आलाकमान समारोह से कन्नी काट रहा है। उनका कहना है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेता नहीं चाहते कि उन्हें इस जश्न में आकर जनता के तीखे सवालों का सामना करना पड़े। राजेंद्र राणा ने कहा कि कांग्रेस की केंद्रीय लीडरशिप का यह मानना है कि सुक्खू सरकार की झूठी गारंटियों की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की फजीहत हुई है।
राणा ने सरकार पर विकास कार्यों में विफल रहने और चुनावी वादों को पूरा न करने के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, प्रदेश की 18 साल से ऊपर की महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये देने का वादा अभी तक अधूरा है। साथ ही, एक साल में एक लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा भी पूरी तरह से खोखला साबित हुआ है। विकास के नाम पर एक भी उपलब्धि जनता के पास गिनाने के लिए नहीं है और झूठ बोलने के एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड मुख्यमंत्री कायम कर रहे हैं।
पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि दो साल पूरे होने के बाद भी सुक्खू सरकार के पास जश्न मनाने लायक कोई ठोस उपलब्धि नहीं है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जनता को सिर्फ गारंटियों के नाम पर छलावा दिया जा रहा है। करोड रुपए की राशि इस जश्न समारोह पर खर्च की जा रही है जबकि प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को एरिया का भुगतान करने के लिए सरकार का खजाना खाली पड़ा है क्योंकि यह खजाना मित्रों में बांट दिया गया है।