रतन टाटा अपने कर्मचारियों का कुछ इस तरह ध्यान रखते थे कि देश में कहा जाता था कि टाटा की नौकरी मतलब सरकारी नौकरी से भी ज्यादा अच्छी.
रतन टाटा अपने कर्मचारियों की तनख्वाह से लेकर उनके हेल्थ और उनके परिवार तक के लिए खासा ध्यान देते थे. 2021 में रतन टाटा को पता चला कि उनका एक पूर्व कर्मचारी दो सालों से बीमार है.
यह सुनकर वो उससे मिलने के लिए मुंबई से पुणे पहुंच गए थे. रतन टाटा इन सब बातों की कभी चर्चा नहीं करते थे. न ही उनकी कंपनी की तरफ से इस तरह की बातें बताईं जाती थी.
रत्न टाटा देश का एक कोहिनूर थे जिनकी कमी उनके देहांत के बाद अब हमेशा खलेगी