अंशुल शर्मा।ब्यूरो।बिलासपुर।
जिला बिलासपुर में बाल शोषण को रोकने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने मंगलवार को बचत भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय आपराधिक चोट राहत और पुनर्वास बोर्ड के बैठक की अध्यक्षता करते हुए हुए दी।
उन्होंने कहा कि इस जागरूकता कार्यक्रम के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा जिसमें पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास और विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में छुट्टियां खत्म होने से पहले टीम के गठन और आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए जल्द ही बैठक का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य बाल दुर्व्यवहार को रोकना और बच्चों को होने वाले नुकसान को न्यूनतम करना है। उन्होंने कहा कि जब दुर्व्यवहार होता है, तो इसे शुरुआती चरण में ही पहचान लिया जा सकता है। इसके लिए बच्चों में जागरूकता होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ किसी तरह का गलत व्यवहार उनके जीवन को अंधेरे में धकेल सकता है। बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर पर कई तरह की दिक्कतों से होकर गुजरना पड़ सकता है। अपराधी नियम-कानून को ताक पर रखकर मासूमों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं। बच्चों के साथ छेड़छाड़, रेप, यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए हम सब को मिलकर सहयोगात्मक व्यवहार के साथ बच्चों के हित को ध्यान में रखकर काम करना होगा।
बैठक में पोस्को एक्ट के अंतर्गत भरारी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एफआईआर संख्या यूआईएस 25/2024 जिस पर
376,354,506 मामला दर्ज था बोर्ड द्वारा आईपीसी और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत नाबालिग पीड़ित को पुनर्वास सहायता अनुदान राशी देने की स्वीकृति दी गई।
बैठक में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीषा गोयल, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास हरीश मिश्रा सहित संबंधित विभाग को क्या अधिकारी उपस्थित रहे।