अब या तो देहरा में चुनाव होगा या पूरे प्रदेश में: राजेंद्र राणा

विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24

देहरा उपचुनाव के दौरान आचार संहिता के बीच महिला मंडलों को कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा पैसे बांटे जाने का प्रकरण हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नया विस्फोट लेकर आया है। पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने एक बार फिर राज्य सरकार पर करारा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि देहरा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी को चुनाव में लाभ पहुंचाने के लिए कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से महिला मंडलों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए। राणा का कहना है कि यह आचार संहिता का घोर उल्लंघन है और सीधा-सीधा भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि सरकार लाख कोशिश करके भी अब तथ्यों को छिपा नहीं सकती।


भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने इस पूरे मामले के दस्तावेजी सबूत चुनाव आयोग और महामहिम राज्यपाल को सौंप दिए हैं और शिकायत भी दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि अब इस चुनाव का भविष्य चुनाव आयोग के हाथ में है, लेकिन परिस्थितियां साफ संकेत दे रही हैं कि देहरा विधानसभा का चुनाव रद्द होगा। उन्होंने कहा कि अब देखना यह होगा कि चुनाव देहरा में होता है या पूरे प्रदेश में होता है।


उन्होंने सवाल उठाया कि जब आचार संहिता लागू थी, तब केवल देहरा क्षेत्र की महिला मंडलों के खातों में पैसे क्यों डाले गए? क्या यह वोट खरीदने की कोशिश नहीं थी?
राजेंद्र राणा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री में नैतिकता होती, तो वे इस खुलासे के बाद तुरंत इस्तीफा दे देते। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सरकारी मशीनरी और संस्थानों का खुलकर दुरुपयोग किया है, और वोटों को प्रभावित करने के लिए धनबल का सहारा लिया गया।
उन्होंने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले यह बैंक सहकारिता विभाग के अधीन आता था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे वित्त विभाग से जोड़ दिया, जो कि स्वयं उनके ही पास है। राणा ने आशंका जताई कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया ताकि बैंक के माध्यम से चहेते लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके और “वन टाइम सेटलमेंट” के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा सके।


राजेंद्र राणा ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा, “यह कांग्रेस की पहली सरकार है जो भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती है और जो आवाज़ उठाए, उसी पर केस ठोंक देती है।” उन्होंने कहा कि कर्ज के बोझ और भ्रष्टाचार की आंधी में फंसी यह सरकार अब जनसमर्थन खो चुकी है और आने वाले चुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है।
राणा ने अंत में तीखे अंदाज़ में कहा कि देहरा का यह उपचुनाव अब सिर्फ एक क्षेत्र का मुद्दा नहीं रहा, यह पूरे प्रदेश की राजनीति और लोकतंत्र की साख का सवाल बन गया है। जनता अब सब देख और समझ रही है—और वक्त आने पर जवाब भी देगी।

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