घुमारवीं
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डंगार में नैतिक, मानवीय मूल्यों तथा अध्यात्म पर आधारित एक व्याख्यान एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पाठशाला के सभी अध्यापकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप पर ज़िला कटनी, मध्यप्रदेश से ब्रह्माकुमारी दीदी भारती ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। इस अवसर पूर्व उप-निदेशक उच्च शिक्षा तथा इस पाठशाला को गोद लेने वाले जोगिंदर राव विशेष रूप से उपस्थित थे।
पाठशाला प्रधानाचार्या रेखा शर्मा के विशेष आग्रह पर यह कार्यशाला पाठशाला में आयोजित की गई। रेखा शर्मा ने मुख्य अतिथि का पाठशाला में स्वागत तथा अभिनन्दन किया। अपने व्याख्यान में राज योगिनी भारती दीदी ने प्रातः कालीन सभा में विद्यार्थियों को अध्यात्म ज्ञान, नैतिक शिक्षा एवं मानवीय मूल्यों पर अमृत वचन विद्यार्थियों से सांझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा वह है जो हमें भिक्षा से बचाए शिक्षा हमारे जीवन को सबल बनाती है।
उन्होंने विद्यार्थियों के उच्च चरित्र निर्माण पर बल दिया और कहा की जितनी खतरनाक की नशे की लत है उतना ही खतरनाक मोबाइल फोन है। जिसमें बच्चे लगातार फंसते जा रहे हैं। विद्यार्थियों के चरित्र पतन का मुख्य कारण भी यह मोबाइल फोन ही है। विद्यार्थियों को समझाते हुए उन्होंने कहा कि अपना लक्ष्य ऊंचा रखिए व उसे पाने के लिए लगातार प्रयास कीजिए। परीक्षा के दिनों में होने वाले तनाव से मुक्ति के लिए भी उन्होंने विद्यार्थियों को टिप्स दिए।
उन्होंने सफलता के लिए अनुशासित रहकर प्रयत्न करना, मोबाइल का प्रयोग न करना, मन को एकाग्र करना व अपने आप से प्रेम करना, सब मार्ग पर चलना आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। पाठशाला के वरिष्ठ प्रवक्ता यशपाल रणौत ने मुख्य अतिथि विशेष अतिथि तथा उपस्थित गणमान्य लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
