भरमौर की अंजू ने दौड़ाई एचआरटीसी बस




  किरण राही/ मंडी।



भरमौर की अंजू देवी वर्तमान में गंगथ कस्बे में रह रही हैं, जहां उनके माता-पिता फास्ट फूड का व्यवसाय करते हैं। बचपन से ही अंजू को गाड़ियों का शौक था और यही शौक अब उसके जुनून में बदल गया है। वीरवार को जब जसूर मंडलीय वर्कशॉप में अंजू ने बस का स्टीयरिंग संभाला और नैशनल हाईवे पर फर्राटे भरते हुए बस दौड़ाई तो हर कोई हैरान रह गया। किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि यह बस कोई नवोदित चालक चला रहा है।

महज 5 फुट की कद-काठी वाली यह बेटी आत्मविश्वास से लबरेज थी और उसकी ड्राइविंग स्किल्स ने सभी को प्रभावित कर दिया। अंजू देवी ने बताया कि उसने पहले हल्के वाहन चलाने सीखे, लेकिन उनका सपना हमेशा से भारी वाहन, विशेष रूप से वोल्वो बस चलाने का था। अब जब उसने अपनी ट्रेनिंग का पहला चरण पूरा कर लिया है तो अगला लक्ष्य वोल्वो बस चलाकर पहाड़ी रास्तों पर खुद को साबित करना है।

तकनीकी अधिकारी ने भी सराहा अंजू का हौसला
जसूर कार्यशाला के तकनीकी अधिकारी अक्षय धीमान ने अंजू के जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का पूरा अधिकार है और अंजू इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अगर कोई लड़की बस चालक बनने का सपना देख सकती है और उसे पूरा करने के लिए मेहनत कर सकती है तो यह साबित करता है कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।

दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा बनना चाहती है अंजू
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में बस चलाना आसान नहीं होता। घुमावदार संकरी सड़कों और कठिन मौसम में वाहन को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं होता, लेकिन अंजू देवी ने यह दिखा दिया कि वह इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। वह न केवल खुद आत्मनिर्भर बनना चाहती है, बल्कि दूसरी लड़कियों के लिए भी एक प्रेरणा बनना चाहती है।


अंजू देवी की अगली मंजिल वोल्वो बस चलाना है। उसने कहा कि मुझे बचपन से ही बड़े वाहन चलाने का शौक था। अब जब मैंने बस चालक का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है तो जल्द ही वोल्वो बस चलाकर अपना सपना पूरा करूंगी।

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