सुक्खू सरकार का आर्थिक दिवालियापन: कर्ज में डूबता हिमाचल, जनता बेहाल – राजेंद्र राणा



विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24

सुजानपुर के पूर्व विधायक  राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और अपनों को लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जनता के हक को लूटकर अपने चहेतों की जेब भरने में जुटी है।

आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कर्ज के दलदल में बुरी तरह धंस चुका है और मुख्यमंत्री व उनके करीबी अपने ऐशो-आराम पर बेहिसाब खर्च कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “राज्य की अर्थव्यवस्था को संभालने के बजाय, मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे  पतन की गर्त में धकेल दिया है। सरकारी खजाना अपने दोस्तों , सलाहकारों और ओएसडी की फौज पर लुटाया जा रहा है, जबकि आम जनता, कर्मचारी और पेंशनर अपने हक के लिए तरस रहे हैं।”

*राज्य की अर्थव्यवस्था ठप, जनता पर बोझ*

राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश की ट्रेजरियां लंबे समय से बंद पड़ी हैं, जिससे ठेकेदारों की पेमेंट अटकी हुई है. कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके एरियर नहीं मिल रहे, और महंगाई भत्ते की कई किस्तें लंबित हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि ट्रेजरी बंद करने के पीछे उनकी कौन सी मैनेजमेंट है, जिससे हिमाचल का कोई फायदा होने वाला है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार ने नया वेतन आयोग लागू कर दिया है, तब भी हिमाचल सरकार पुराने वेतन आयोग की अदायगी तक नहीं कर पा रही है। आउटसोर्स कर्मियों को कई माह से भुगतान नहीं हो रहा।
उन्होंने सरकार पर नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों को लॉलीपॉप थमाने और अपने चहेतों को पिछले दरवाजे से सरकारी पदों पर बैठाने का भी आरोप लगाया।

*कर्ज लेकर मौज, जनता पर मार*

राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार आंख मूंदकर कर्ज पर कर्ज लिए जा रही है। पहले ही प्रदेश पर भारी कर्ज का बोझ है, लेकिन फिर भी सरकार अपनी सुख-सुविधाओं और दिखावे पर बेफिजूल खर्च कर रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “अगर सरकार इसी तरह लापरवाही से चलती रही तो हिमाचल में  आर्थिक इमरजेंसी लागू होते देर नहीं लगेगी। 

*सुक्खू सरकार का असली चेहरा जनता के सामने*

राजेंद्र राणा ने  कहा कि “सुक्खू सरकार का असली चेहरा सामने आ चुका है। यह सरकार आम जनता की नहीं, बल्कि अपनों के फायदे के लिए बनी है। जनता ने कांग्रेस को हिमाचल को संवारने के लिए चुना था, लेकिन सरकार ने इसे बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का आम आदमी भी यह स्वीकार कर रहा है कि प्रदेश में जनता के हित की पैरवी करने वाली नहीं बल्कि मित्रों पर मेहरबानी करने तक सीमित सरकार चल रही है।

राणा ने सरकार से तत्काल आर्थिक सुधार लाने, कर्मचारियों और पेंशनरों के लंबित भुगतान करने, बेरोजगारों को वास्तविक रोजगार देने और अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जनता सड़क पर उतरकर इसका जवाब देगी।

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