जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए जीवन स्तर को उपर उठाना होगा तभी ग्रामीण क्षेत्र का विकास सम्भव हो सकता है : डॉ कुलराज कपूर


किरण राही/ मंडी।



हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अध्ययनरत एम बी ए (ग्रामीण विकास) के तृतीय समेस्टर के छात्रों की दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला तकनीकी विकास समिति मण्डी के सहयोग से नगवाईं में आरम्भ हुई। इस कार्यशाला में 24 छात्र भाग ले रहे हैं। उदघाटन सत्र में तकनीकी विकास समिति के सचिव जोगिंदर वालिया ने इस दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की विस्तृत रूपरेखा से प्रतिभागियों को अवगत करवाया।

उन्होंने जानकारी दी कि इस दस दिवसीय कार्यशाला में अलग- अलग विषय विशेषज्ञ , स्रोत व्यक्ति के रूप में भाग लेंगे तथा फ़ील्ड-विजिट करवायी  जाएगी। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र, बजौरा, क्षेत्रीय फल उत्पादन केंद्र बजौरा, अप्पर वैली फॉर्मर प्रड्यूसर कम्पनी कुल्लू, सरोआ हैंडलूम प्रोडूसर कंपनी, भूटीको हस्तशिल्प संगठन,भुंतर, सोसायटी फ़ॉर फार्मर टलाह के साथ- साथ ग्रामीण उत्पाद व हस्तकला में सक्रिय विभीन्न स्वयं सहायता समूहों का भ्रमण करके उनकी की गतिविधियों से अवगत करवाया जाएगा। साथ ही जिला प्रबंधक नाबार्ड कुल्लू व मंडी के साथ बैठक करके जिला में चल रही ग्रामीण विकास योजनाओं की जानकारी ली जाएगी।


इस अवसर मुख्य अतिथि पूर्व निर्देशक, बन अनुसंसधान केंद्र, शिमला, डॉ कुलराज कपूर  ने उपस्थित प्रतिभागियों  से आह्वाहन किया कि ऐसी कार्यशालाओं में  जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए जीवन स्तर को उपर उठाना होगा तभी गाँव का विकास सम्भव होगा।


प्रथम सत्र में मुख्य स्रोत व्यक्ति के रूप में यूएनडीपी के सलाहकार अभिषेक ने देश मे ग्रामीण विकास की अवधारणा को लेकर प्रतिभागियों से लम्बी चर्चा की। दूसरे सत्र में हितूल अवस्थी  ने जैविक खेती में इंटरनेट, सामुदायिक भागीदारी को लेकर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया तथा आवाह्न किया कि ग्रामीण समाज के अधिक से अधिक लोग इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

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