किरण राही/ मंडी।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में अध्ययनरत एम बी ए (ग्रामीण विकास) प्रथम वर्ष के छात्रों का दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 जनवरी से 24 जनवरी तक तकनीकी विकास समिति मण्डी के सहयोग से नगवाईं में सम्पन्न हुआ। इसमें 31 छात्र – छात्राओं ने भाग लिया।
समापन समारोह में जोगिंदर वालिया, सचिव, तकनीकी विकास समिति ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को ग्रामीण विकास में नए कौशल सीखने, अपने कैरियर की खोज करने और उसे बेहतर बनाने में मदद करने का मौका दिया गया। जिसमें ग्रामीण उत्पाद में कार्यरत मंडी साक्षरता समिति के स्वयं सहायता समूह की ओर से सुनीता विष्ट व नवल निराला, फॉर्मर प्रड्यूसर कम्पनी, अप्पर वैली/मणिकरण के निर्देशक उमेश व टेक सिंह, पद्मश्री नेकराम शर्मा ने जैविक खेती, कृषि विज्ञान केंद्र से सहायक निर्देशक डॉ देवलश व डॉ नेहा , क्षेत्रीय फल उत्पादन व अनुसंधान केंद्र बजौरा से डॉ देविना वैद्य व डॉ विजय, भूटीको हस्तशिल्प संगठन, भुंतर से मुख्य सलाहकार रमेश ठाकुर, वूलनित्टर से शिवानी ठाकुर, जूस जैम व आचार में कार्यकर्त फार्मर संगठन, टलाहर के सचिव, कर्म चन्द व समिति के मुख्य स्रोत व्यक्ति एवं अध्यक्ष डॉ विजय विशाल, उपाध्यक्ष तथा वैज्ञानिक डॉ किशोर खोसला, यूएनडीपी के पूर्व सलाहकार अभिषेक शर्मा व अन्य प्रशिक्षकों ने मार्गदर्शन किया।
दस दिवसीय इस प्रशिक्षण के दौरान व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने हेतु कृषि, बागवानी, ग्रामीण उत्पाद, हस्तशिल्प व हस्तकला में सक्रिय उपर्युक्त स्वयं सहायता समूहों व संगठनो का भ्रमण करके उनकी गतिविधियों से अवगत करवाया गया व प्रदेश में चल रही विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं की जानकारी दी गई।
समापन समारोह के अवसर पर समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री डी पी गुप्ता ने प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नए कौशल सीखने व आजीविका को आगे बढ़ाये बिना ग्रामीण लोगों के विकास की परिकल्पना नहीं कि जा सकती। इसलिए आज हमें नई तकनीक व वैज्ञानिक समझ के साथ काम करना होगा।
निश्चित ही आप लोगों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सहकारी समूहों व अनुसंधान संगठनों का भ्रमण करके उनकी गतिविधियों को जाँचा- परखा होगा। उन्होंने आशा प्रकट की कि इस प्रशिक्षण से प्रेरित होकर ग्रामीण विकास में आप अपनी भूमिका निभाएंगे व इसमें आने वाली चुनौतियों के हल ढूंढने की प्रक्रिया निरन्तर जारी रखेंगे I
प्रतिभागियों की ओर से महेश्वर शर्मा ने अपने अनुभव साँझा करते हुए कहा कि इस इंटर्नशिप के समय सभी छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के ज़रिए यह सीखने का मौका मिला कि कक्षा में सीखे गए ज्ञान और कौशल को वास्तविक दुनिया में व्यवहारिक रूप से कैसे लागू किया जाये। उस दृष्टि से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम काफी लाभदायक रहा।
अंत में सभी इंटर्नशिप छात्रों को प्रमाणपत्र वितरित किये गए ी