कुल्लू 22 जनवरी: उपायुक्त ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुशासन और विकास से संबंधित सभी मानकों में कुल्लू को अग्रणी जिला बनाने के लिए तत्परता के साथ कार्य करें। बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 से संबंधित डीजीजीआई के आंकड़ों पर व्यापक चर्चा की गई।
जिला सुशासन सूचकांक में आठ मूल विषय जैसे-आवश्यक बुनियादी ढांचा, मानव विकास, सामाजिक संरक्षण, महिला एवं बाल विकास, कानून व्यवस्था, पर्यावरण, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और आर्थिक प्रदर्शन आदि शामिल किए गए हैं। इनके अंतर्गत 19 मुख्य केंद्र बिंदुओं एवं 111 संकेतकों के आधार पर सभी जिलों के प्रदर्शन का आकलन किया जाता है। जिन इंडीकेटर्स के आधार पर राज्य स्तर पर जिला की रैंकिंग निर्धारित की जाती है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन इंडीकेटर्स में सुधार की गुंजाइश है उनमें अतिरिक्त प्रयास कर प्रतिशतता को बढ़ाया जाए।
विभिन्न विभागों की ओर से प्राप्त वर्ष 2023-24 के आंकड़ों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कई विभागों के आंकड़े अभी पूरी तरह अपडेट नहीं हैं। इसके अलावा इस बार जिला सुशासन सूचकांक में कुछ अतिरिक्त संकेतक भी शामिल किए गए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण, उद्योग, श्रम एवं रोजगार, राजस्व विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे इन आंकड़ों को तुरंत अपडेट करवाएं।
उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस में कुछ सूचकांकों में अतिरिक्त प्रयास कर इसे और बेहतर बनाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के तहत बहुत से सूचकांकों में जिला बेहतर कार्य कर रहा है तथा कुछ सूचकांकों में सुधार करने की आवश्यकता है।
उपायुक्त ने कहा कि तकनीकी रूप से जिन सूचकांकों में परिवर्तन या कुछ नई चीजों को शामिल करने की आवश्यकता है तो सम्बंधित विभाग सांख्यिकी कार्यालय को अपने सुझाव भेजें ताकि उन्हें समय पर राज्य सरकार को आवश्यक संशोधन हेतु भेजा जा सके। बैठक में जिला सांख्यिकीय अधिकारी चेतन धीमान ने जिला सुशासन सूचकांक के विभिन्न संकेतकों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।