धर्मशाला में डीएलआरसी, डीसीसी एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित


एडीसी ने बैंकों को दिए निर्देश, लक्ष्यों की समयबद्ध पूर्ति व सीडी रेशो बढ़ाने पर दिया जोर
शिक्षा व कृषि ऋण में वृद्धि तथा गरीबी उन्मूलन योजनाओं की समीक्षा पर रहा फोकस

जिला स्तरीय सलाहकार समिति (डीएलआरसी), समन्वय समिति (डीसीसी) एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक आज वीरवार को धर्मशाला स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने की। बैठक में बैंकिंग योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें ताकि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को गति मिल सके।


बैठक के दौरान बैंकों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति तथा अब तक की उपलब्धियों की रिपोर्ट पर चर्चा की गई। अधिकारियों व बैंक प्रतिनिधियों ने ऋण वितरण, वित्तीय समावेशन तथा सरकारी योजनाओं के तहत किए गए कार्यों की जानकारी दी। साथ ही आगामी समय में लक्ष्यों की पूर्ति और कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए कार्य योजना पर भी विस्तृत चर्चा की गई।


एडीसी ने कहा कि जिले में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा क्रियान्वित की जा रही सरकार की गरीबी उन्मूलन योजनाओं के अन्तर्गत हुई प्रगति तथा वार्षिक ऋण योजना 2024-25 के अंतर्गत मार्च 2025 तक के लक्ष्यों तथा उपलब्धियों की समीक्षा की गई। उन्होंने सभी बैंक को अपनी सीडी रेशो बढ़ाने के लिए प्लान तयार करने के लिए कहा इसके साथ सभी बैंक अधिकारीयों को शिक्षा ऋण एवं कृषि ऋण बढ़ाने के निर्देश दिए।


जिले में 32815 किसान क्रेडिट कार्ड जारी, शेष किसानों को भी जोड़ने के निर्देश : पृथ्वी रणवीर
इससे पहले बैठक का संचालन करते हुए मुख्य जिला अग्रणी प्रबंधक काँगड़ा पृथ्वी रणवीर ने बताया जिला काँगड़ा के ऋण वितरण में बैंकों का वार्षिक ऋण योजना 2024-25 (01.04.2024 से 31.03.2025 तक) का लक्ष्य 7322.28 करोड़ रुपये था, जिसे मार्च तिमाही के अंत तक बैंकों ने 8158.75 करोड़ रुपये के ऋण वितरण करके 111.42 प्रतिशत की दर से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है। मार्च तिमाही तक जिला में सभी बैंको ने मिलके 44615.7 करोड़ राशि जमा की और 11950.7 करोड़ का ऋण दिया और सीडी रेशो 26.79 प्रतिशत रही।


उन्होंने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मे मार्च 2025 के अंत तक प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में बैंकों ने 78.63 प्रतिशत की दर से तथा गैर प्राथमिकता क्षेत्र में 379.24 प्रतिशत की दर से लक्ष्यों की प्राप्ति की है। उन्होने बैंको से आशा जताई कि वे जिले के आर्थिक विकास में अपने दायित्वों को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा ऋण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को देंगे व लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहयोग करेंगे।


मुख्य जिला अग्रणी प्रबंधक ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मे मार्च 2025 के अंत तक कृषि क्षेत्र में 1663.32 करोड़ रुपये, सूक्ष्म मध्यम व लघु उद्यमों में 3492.55 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं। जिले के बैंको ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत लगातार वृद्धि दर्ज की है तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में मार्च 2025 के अंत तक कुल 32815 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। उन्होने आगे बताया कि जिला में कार्यरत सभी बैंक शाखाओ को निर्देश भेजे जा चुके हैं कि वे शेष बचे किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना सुनिश्चित करें।


बैठक में जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड हिमांशु साहू ने बताया कि वित्त वर्ष 2026-27 के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (PLP) की तैयारी के मद्देनज़र हितधारकों के साथ प्री-पीएलपी (Pre-PLP) चर्चाएं कीं। चर्चाओं के दौरान यह उल्लेख किया गया कि आगामी वर्ष में कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) को समर्थन, कृषि अवसंरचना का विकास तथा नवीकरणीय ऊर्जा आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।


यह रहे उपस्थित
बैठक में एजीएम पीएनबी भरत कैलाश चंद्र ठाकुर, डीडीएम नाबार्ड हिमांशु साहू, मुख्य अग्रणी जिला प्रबंधक कांगड़ा पृथ्वी रणवीर, एजीएम आरबीआई शिमला आशीष कुमार शर्मा, निदेशक आरसेट्टी मदन लाल, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, सभी बैंकों के प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।


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