अंशुल शर्मा।सरकाघाट।
अवैध निर्माण और खनन माफिया को प्राप्त है राजनीतिक सरंक्षण
धर्मपुर में बाढ़ संभावित क्षेत्रों में किये गए विभागीय निर्माण कार्यों के लिए अधिकारियों और यहां के विधायक की जिम्मेदारी सुनिशित करने की जरुरत है ताकि नुकसान होने पर उन्हें जुर्माना लगाया जा सके।ये बात माकपा नेता और पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि धर्मपुर का बस स्टैंड बाढ़ संभावित क्षेत्र में खःड्ड किनारे बनाया गया है और उसके साथ एक और भवन का निर्माण हुआ है जिसे अब भूत पूर्व सैनिकों के लिए कैंटीन के लिए आवंटित किया गया है।
इसके अलावा ब्यास नदी के किनारे कांढापतन के पास लाखों लीटर क्षमता के पानी स्टोर करने के भंडारण टैंक बनाये गए हैं जहां पर बरसात में पानी पहुंच जाता है।इसी प्रकार संधोल में बक्कर खःड्ड के बीचोबीच तथा नदी के किनारे पानी का टैंक बना हुआ है जो पिछले कल हुई भारी बारिश से आई बाढ़ के कारण पानी में डूब गया है।
इसी प्रकार नाल्ड खःड्ड के साथ गौ सदन बनाया गया है जिस पर करोड़ो रूपये खर्च किये गए हैं।धर्मपुर में वर्ष2015 में आई बाढ़ का पानी खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय के प्रांगण तथा कालेज ग्राउंड को पार करता हूँ गया था जिससे सभी दुकानों और सरकारी कार्यालयों में पानी भर गया था।
लेकिन इससे कोई सीख न लेते हुए अब बस स्टैंड के साथ ही जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंता का कर्यालय भवन बना दिया गया जिससे आजकल अधीक्षण अभियंता का दफ़्तर भी चल रहा है।हिमाचल पथ परिवहन निगम का पेट्रोल पंप और वर्कशॉप को भी यहीं बनाने की योजना है लेकिन उसके लिए अभी तक शिमला से अनुमति नहीं मिल पाई है।
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आठ साल पहले आई बाढ़ में बस स्टैंड पर खड़ी बसों को भी नुकसान हुआ था और कुछ बसें बह भी गयी थी लेकिन बाबजूद इसके सोन खःड्ड के किनारे निर्माण कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि ये सब निर्माण कार्य अवैध रूप में यहां के विधायक व मंत्री के इशारे पर हो रहा है और विभागीय अधिकारी उनके आगे कोई तर्क नहीं दे पाते हैं और मज़बूरी में उन्हें बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में ही विभागों के कार्यलयों का निर्माण करना पड़ता है।
भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में बन रही सड़कों की मिट्टी और मलवा भी डंपिंग साइटों पर फैंकने के बजाये नालों व खड्डों में ही फेंका जाता है और बरसात में वह पानी के साथ बह जाता है और उससे भी बाढ़ आती है।मलवे को डंपिंग साइटों पर न फेंकने के लिए यहां के ठेकेदार जिम्मेदार हैं जो अधिकतर राजनीतिक तौर पर मंत्री का सरंक्षण प्राप्त हैं।यही नहीं यहां की खड्डों में खुले तौर पर अवैध खनन हो रहा है और उसमें मंत्री के बेटे का क्रशर खनन माफिया की भूमिका निभा रहा है।इसलिए बाढ़ संभावित क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण औऱ खनन पर रोक लगनी चाहिए जिसके लिए माईनिंग विभाग और ग्रीन ट्रिब्यूनल को कार्यवाई करनी चाहिए।