मोदी सरकार की तरह कर्मचारियों को लाभ प्रदान करे सुक्खू सरकार : राजेंद्र राणा



विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि वित्तीय संकट का रोना रोकर हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों के हक मारने वाली सुक्खू सरकार को केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर दरियादिली दिखानी चाहिए और कर्मचारियों का भविष्य सुनिश्चित करना चाहिए।


आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को लगातार महंगाई भत्ते की किस्त तो दे ही रही है, लेकिन अब मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन की एक नई योजना को मंजूरी देकर बहुत महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना को एकीकृत पेंशन योजना का नाम देकर सरकारी कर्मचारियों को बहुत बड़ा तोहफा प्रदान किया है।


केंद्र की नई पेंशन स्कीम में 10 साल की नौकरी के बाद न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी का प्रावधान किया जाना और 25 साल नौकरी करने के बाद सर्विस के आखिरी 12 महीने की सैलरी का 50 प्रतिशत हिस्सा पेंशन के तौर पर दिया जाना एक ऐतिहासिक निर्णय है।


राजेंद्र राणा ने कहा कि मोदी सरकार ने फैमिली पेंशन का भी पूरा ध्यान रखा है और सरकारी कर्मचारी की सर्विस के दौरान मौत होने पर कर्मचारी के परिवार को 60 प्रतिशत हिस्सा दिए जाने का प्रावधान भी नई पेंशन स्कीम में किया गया है।


इसके अलावा कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते के साथ-साथ रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की राशि के अतिरिक्त प्रत्येक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान किया जाने का प्रावधान करना अत्यंत सराहनीय है।


राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कभी भी आर्थिक संकट का हवाला देकर सरकारी कर्मचारियों के हितों पर कैंची नहीं चलाई है जबकि हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के पहले दिन से ही कर्मचारी विरोधी रवैया अपनाया हुआ है और कर्मचारी के महंगाई भत्ते की किश्तें और एरियर रोक रखा है।

राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अपने मित्रों को तो कैबिनेट रैंक देकर और दर्जनों ओएसडी बनाकर प्रदेश का खजाना दोनों हाथों से लुटाने में कोई कसर शेष नहीं रखी गई है लेकिन प्रदेश सरकार की रीढ़ कहे जाने वाले कर्मचारियों के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने चुनावों के दौरान जनता से की गई किसी भी गारंटी को मुकम्मल तौर पर पूरा नहीं किया है और गारंटीया पूरी करने की बजाय सरकार सुविधाएं छीनने में अव्वल बनी हुई है।

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