ई-कचरा प्रबंधन पर प्रस्तुत किए शोध
विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24
ठाकुर जगदेव चंद स्मारक उत्कृष्ट महाविद्यालय सुजानपुर टीहरा में इको क्लब एवं राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के संयुक्त तत्वावधान में “इंटरनेशनल मल्टीडिसीप्लिनरी कैपेसिटी बिल्डिंग “कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शीर्षक रोड मैप फार एनवायरमेंटली बेगिन ई-वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम इन इंडिया रहा ।
इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. दिनेश पाठक (भौतिक विज्ञान विभाग वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय) रहे तथा आमंत्रित वक्ता के रूप में डॉक्टर अश्वनी राणा (डिपार्मेंट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन एन.आई.टी. हमीरपुर) और डॉक्टर राकेश शर्मा (डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन एन.आई.टी. हमीरपुर) उपस्थित रहे। इस कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अजायब सिंह बन्याल ने इस कार्यशाला में आए हुए सभी गणमान्यों का स्वागत करते करते हुए इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के बारे में बताया।
मुख्य वक्ता तथा अन्य गणमान्यों ने ई-कचरा प्रबंधन पर अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। इस कार्यशाला में बताया गया कि हम ई कचरा को फिर से रिसाइकल करके पुनः प्रयोग में ला सकते हैं। ई कचरा में सोना, चांदी, अल्युमिनियम और कई प्रकार की धातु एवं अपशिष्ट होते हैं जो की जल , वायु के द्वारा सभी प्राणियों के बीच में जाते हैं और कई प्रकार के भयंकर रोग उत्पन्न होते हैं।
ई कचरा का अपशिष्ट मिट्टी के माध्यम से जमीन में प्रवेश होता है जिससे हमारी भूमि की उर्वरता समाप्त होती है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य के बारे में बताते हुए मुख्य वक्ताओं ने कहा कि आज भारतवर्ष में ई कचरा प्रबंधन के बहुत ही सीमित केंद्र है और उनमें भी काम करने वाले श्रमिक भी पूर्ण व्यवस्थित रूप से कार्य करने में सक्षम नहीं है जिससे वे कई प्रकार के रोगों की चपेट में आते हैं।
उन्होंने बताया कि आज के इस प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी युग में ई- कचरा दिन प्रतिदिन हमारे परिवेश में बढ़ता जा रहा है यदि समय रहते इसके ऊपर कार्यवाही नहीं हुई तो आने वाला समय संपूर्ण प्राणी समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की उपप्राचार्या डॉ. विभा ठाकुर ने इस कार्यशाला में आए हुए सभी गणमान्यों एवं प्रतिभागियों का इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु धन्यवाद किया।
