आज भी घर-घर जाकर सुनाई जाती है गुग्गा जाहरवीर की गाथा




रक्षाबंधन से गुग्गा नवमी तक  नौ दिन घर-घर होगा गुग्गा जाहरवीर का गुणगान


रक्कड़,20 अगस्त 2024:


रक्षाबन्धन पर्व के साथ ही गुग्गा जाहरवीर के गुणगान की भी शुरुआत हो जाती है।  इस दौरान एक विशेष मण्डली द्वारा आराध्य देव गुग्गा जी की गाथाएं लोगों के घर-घर जाकर सुनाई जाती हैं। गुग्गा गाथा रक्षाबंधन के दिन से शुरू होकर गुग्गा नवमी तक ऐसे ही नौ दिन तक घर-घर जाकर  सुनाई जाती है। सदियों से चली आ रही परपंरा आज भी जिंदा है और लोगों की भी इसमें अटूट आस्था है। 

लोकमान्यताओं औऱ जनश्रुतियों के मुताबिक गुग्गाजी को सांपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।  तहसील रक्कड़ के गांव भड़वार गुग्गा मन्दिर की मण्डली में शामिल लोगों के अनुसार  जाहरवीर गुग्गा जी की गाथाओं को आज भी पुरानी पंरपराओं के अनुसार ही घर-घर में जाकर वाद्ययंत्रों के साथ गीतों के माध्यम से सुनाया जाता है और पुरानी संस्कृति को कई वर्षों से निभाया जा  रहा है।

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