परमात्मा सर्वत्र इस सृष्टि के कण-कण में समाया हुआ है : अतुल कृष्ण



रक्कड़ , 18 मार्च (पूजा): तृप्ति संसार में नहीं परमात्मा की प्रीति में है. जो सर्वशक्तिमान प्रभु हर जगह है, उसे हम एक जगह खोजने की कोशिश करते हैं, यही गलती हो जाती है. जो सभी रूपों में समाया हुआ है भला वह एक रूप में कैसे सिमट सकता है. तभी तो भगवान कभी मत्स्य अवतार धारण करते हैं, कभी कच्छप, कभी वराह, कभी नरसिंह, कभी वामन, कभी मोहिनी अवतार तो कभी सनकादि, नारद, कपिल, दत्तात्रेय, ऋषभ, नर-नारायण, परशुराम एवं राम, कृष्ण बनकर लीला करते हैं ।


 उक्त अमृतवचन श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में परम श्रद्धेय अतुल कृष्ण जी महाराज ने न्याटी सुंही, चम्बा पत्तन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रकृति में कुछ भी ठहरा हुआ नहीं है. हमारे आसपास प्रतिपल परिवर्तन, नयापन एवं गतिशीलता उपलब्ध है. परमात्मा को ठहराव एवं बासीपन पसंद नहीं है।

गंगा में डुबकी लगाने के बाद फिर से उसी जल में स्नान करना असंभव है. दूसरी डुबकी लगाने के लिए नया जल प्रवाह उपलब्ध है. पहली डुबकी वाला जल तो बहुत दूर जा चुका है. सूरज, चांद, सितारे, नदी, पहाड़, तिनके से लेकर वृक्ष तक सभी यात्रा में हैं, निरंतर गतशील हैं. जितनी देर हम कथा में बैठे होते हैं, उन तीन घंटों में धरती 3 लाख 24 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुकी होती है. चौबीस घंटे में पृथ्वी 26 लाख किलोमीटर एवं 365 दिन में सूर्य के चारों ओर 91 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर चुकी होती है ।


  अतुल कृष्ण जी ने कहा कि मूर्ख पूछते हैं कि भगवान कहां है, जबकि ज्ञानी जानता है कि परमात्मा सर्वत्र इस सृष्टि के कण-कण में समाया हुआ है. हमारा रुपया खो जाता है, हम इतनी छोटी सी बात से दुखी हो जाते हैं, यह क्षुद्र की पीड़ा है. हमारी इस छोटी सी पीड़ा को कोई भी हमें रुपया देकर हल कर देगा. संसार की जितनी भी कामनाएं, वासनाएं एवं वस्तुएं हमें आकर्षित करती हैं, सब क्षुद्र ही तो हैं. ईश्वर को भूलकर अल्प सुख के लिए हम विराट से वंचित हो रहे हैं।

आज कथा में 28 प्रकार के नरकों का वर्णन, अजामिलोपाख्यान, परम भागवत श्रीप्रहलाद जी का प्रसंग एवं नृसिंह भगवान का चरित्र लोगों ने अत्यंत तन्मय में होकर सुना. इस अवसर पर प्रमुख रूप से मुख्य यजमान गुलशन कुमार, दिनेश ठाकुर, अनुराग ठाकुर, कार्तिक राणा, अश्विनी शर्मा रक्कड़, प्रकाश रक्कड़, अमित ठाकुर, राजेश ठाकुर, रितेश ठाकुर, सुरेंद्र शर्मा, सतपाल ठाकुर, कृपाल ठाकुर, विनय प्रागपुर, रवि सोनी, विजय शर्मा, करतार सिंह, स्नेहलता ठाकुर, इत्यादि उपस्थित रहे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *