जानवरों जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है दनोआ का सुरजीत कुमार


मिलाप कौशल/ खुंडियां




एक बहुत ही जरूरतमंद इंसान जो इस समय जानवरों से भी बदतर जिन्दगी जीने को मजबूर है,खाना पीना, सोना, शौचालय  सब एक कमरे में ही करता है।बस साँसे ले रहा है बंद कमरे में, बाहरी जिन्दगी से कोई लगाव नहीं है।


हिमाचल प्रदेश जिला काँगड़ा की तहसील बडोह की पंचायत और गांव दनोया का सुरजीत कुमार उर्फ़ फिन्ना राम, सुपुत्र अमीर सिंह इस समय जानवरों से भी बदतर जिन्दगी जीने को मजबूर है।एक बंद कमरे में गुज़ारा कर रहा है। जहाँ पर ना लाइट है, और ना ही कोई साधन, जिस कमरे में गुज़ारा कर रहा है, वहीं उसी जगह पर ही शौचालय करता है।

गांव वासी कभी कभी उसे खाना दे देते हैं, पर कभी कभी और काफी दिनों में रोटी तक नसीब नहीं होती है। बहुत साल पहले एक बिमारी के कारण इसका पैशाब और शोच दोनों एक साथ ही हो जाता है।फिन्ना राम घर पर अकेला है, ना कोई आगे है ना पीछे, पिता और माता की मृत्यु काफी वर्ष पहले हो चुकी है।घर का एक कमरा है, पर वो किसी जंगल से कम नज़र नहीं आता है।

जानकारी देते हुए जब पब्बू माता सेवा सदन खुन्डिया के सदस्यों ने बताया कि जब उनको  फिन्ना राम के बारे में किसी सज्जन ने बताया तो इन्होने इनके घर पर जाकर इनके बारे में पूरी जानकारी जूटाई।

जब संस्था के लोग फिना राम से मिले और देखा तो पूरे सदस्यों का दिल पसीज गया कि इस जमाने में कोई इस तरह की जिन्दगी कैसे जी सकता है,घर के बाहर, और हर तरफ जंगल ही जंगल, और फिन्ना राम लोगों को देखकर कमरे से बाहर नहीं निकलना चाहता था बहुत ही बिनती करके फिन्ना राम घर से बाहर आया और अपनी मजबूरी और जिन्दगी के बारे में संस्था के सदस्यों को बताया।

वो खुद इस नरक सी जिन्दगी से छुटकारा पाना चाहता है, पर कोई भी उनकी सुध लेने आज दिन तक नहीं आया है, जय पब्बू माता सेवा सदन खुन्डिया के सदस्य रिंकू शर्मा ने सभी संस्थाओं से इनके लिए सहयोग करने की अपील की है।ताकी इनको नरक जैसी जिन्दगी से बाहर निकालने में हमारा सहयोग करें और इंसानियत का फ़र्ज़ निभाये।

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