खुद्दर मछ्याल के तीन दिवसीय मेले का समापन 




किरण राही/ मंडी।



खुद्दर मच्छयाल में तीन दिवसीय मेले के अंतिम दिन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खुद्दर में स्थानीय युवाओं द्वारा आयोजित ओपन वॉलीबॉल प्रतियोगिता की विजेता भराड़ू की टीम रही। इस ओपन वॉलीबॉल ट्रॉफी में लडभड़ोल, चौंतड़ा, मच्छयाल व भराडू क्षेत्र की नामी-गिरामी सात टीमों ने इसमें हिस्सा लिया।

सेमीफाइनल में भराड़ू, सैंथल, खुद्दर व लिंक रोड़ की टीमें पहुंची। शाम को अंधेरा होने तक चली इस प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला खुद्दर व भराड़ू की टीमों के मध्य हुआ। भराड़ू की टीम ने फाइनल में खुद्दर की टीम को हराकर ट्रॉफी जीत ली।

सीनियर वर्ग की इस ओपन वॉलीबॉल प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि भराड़ू बड़ीधार  वार्ड के जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज का स्थानीय आयोजकों ने बैज पहनाकर व समृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया तथा सेमीफाइनल की चारों टीमों के खिलाड़ियों से उनको परिचित करवाया।

इस अवसर पर बाकी टीमों के खिलाड़ी और आसपास के बहुत से स्थानीय युवा भी मौजूद रहे। कुशाल भारद्वाज ने इस ट्रॉफी के आयोजक युवा नेताओं अखिल चौधरी, राजन चौधरी, नितिन चौधरी तथा समस्त आयोजक कमेटी  की इस ट्रॉफी के आयोजन के लिए भरपूर प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि सीनियर वर्ग की इस ओपन ट्रॉफी में मुझे मुख्यातिथि के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित करने तथा सभी प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों से मिलने और उनके खेल को देखने का सुअवसर प्रदान करने के लिए मैं आयोजकों का धन्यवाद करता हूं।

उन्होंने कहा कि खेल हर किसी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह शिक्षा का एक घटक है जो किसी व्यक्ति के समग्र विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। उन्होंने ने कहा कि वॉलीबाल न केवल युवाओं को बल्कि बढ़ती उम्र के लोगों को भी जरुर खेलना चाहिए। यह कैलोरी बर्न करने का एक मजेदार तरीका है।

45 मिनट वॉलीबॉल खेलने से 585 कैलोरी तक बर्न हो सकती है। वॉलीबॉल एक गतिशील खेल है जिससे समग्र शारीरिक फिटनेस बढ़ती है। यह हृदय संबंधी धीरज, चपलता, समन्वय और संतुलन में सुधार करता है, वॉलीबॉल का नियमित खेल मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलापन बढ़ाने और प्रतिक्रिया समय में सुधार करने में मदद करता है।

कुशाल भारद्वाज ने युवाओं को नशे से दूर रहने तथा उनके नशा विरोधी विशेषकर चिट्टा विरोधी अभियान का हिस्सा बनने का भी आग्रह किया।  उन्होंने कहा कि एक बार किसी को नशे की आदत पड़ जाए तो उससे मुक्ति मुश्किल होती है।

चाह कर भी बहुत से युवा नशे की गिरफ्त से नहीं निकल पा रहे। नशे की लत का शिकार होने वाले सर्वाधिक युवा हैं, जिनकी उम्र 18 से 35 साल है। कई युवाओं की इन बुरी आदतों के चलते उनका परिवार बर्बादी की कगार पर आ गया  है।

ऐसे में अभिभावकों और अध्यापकों के साथ-साथ हम सबका भी यह कर्तव्य बनता है कि हम नशे के आदि को नशे की दलदल से निकालने के प्रयास करें। उन्होंने इस तरह की खेलकूद प्रतियोगिताएं भी युवाओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। 

उन्होंने सभी टीमों व सभी खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता में शामिल होकर अपनी जबरदस्त खेल क्षमता के जौहर दिखाने के लिए धन्यवाद किया तथा इस खेल में आगे बढ़ने के लिए सबको शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्रॉफी जीतने वाली भराड़ू की टीम तथा उपविजेता रही खुद्दर की टीम को भी बधाई दी आयोजकों को भी प्रोत्साहित किया।

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