फोरलेन समन्वय समिति ने एसडीएम पधर से मांगा वार्ता के लिए समय


किरण राही/पधर (मंडी)।


मंडी पठानकोट फोरलेन समन्वय समिति (रजि.) की बैठक कुन्नू में प्रधान चिंत राम ठाकुर। को अध्यक्षता में हुई। । बैठक में नरला से drang तक  फोरलेन फेज-5 की जद में आए लगभग  250 प्रभावित किसानों ने भाग लिया। प्रभावित किसानों ने बताया कि प्रोजेक्ट का काम शुरू होते ही प्रभावित किसानों को किसी प्रकार के विधास में नहीं लिया गया।

उपमंडल प्रशासन ने किसानों की भूमि का फोरलेन के निर्माण को अधिग्रहण कर लिया गया है। वर्तमान में रिहायशी मकानों की राशि को किवनों के खतरों 1 में नहीं डाला गया है जबकि भूमि का इंतकाल करके भूमि को अपने अधिकार में ले। लिया है। राजस्व अधिनियम के तहत किसनें का मालिकाना हक समाप्त हो गया है।

वर्तमान में सरकार मकानों का कम मुआवजा बनाकर किसानों के खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। प्रभावित किसानों ने कहा कि नेशनल हाइवे अर्थारिटी ने उपमंडल प्रशासन के साथ मिलकर किसानों के भूमि के मुआवजे से लेकर रिहायशी मकानों, कर्मिशयल दुकानों, लघु उद्योगों की मुआवजा राशि को लेकर प्रभावित किरखानों को विश्वास में न लेकर ठगों की है।

इस बारे में जब भी उपमंडल अधिकारी पधर से बात करना चाही तो किसानों की कोई सुनवाई करने के बजाय उन्हें गुमराह किया गया है। प्रभावित किसनों ने बैठक में अपना पूरा पक्ष समन्वय समिति के समक्ष रखा। किसानों ने आरोप लगाया कि उनके अधिकारों को लेकर पूर्व में एसडीएम रहे पचर ने किरग्रनों की बात न सुनकर उन्हें आधासन देकर भ्रमित किया है।

जिसका खमियाजा आज किसानों को चंद मुआवजा राशि देकर भूमि से लेकर रिहायशी मकान से हाथ धोना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि किरतपुर मनाली नेशनल हाइवे के प्रभाविओं को सरकार ने भूमि का उचित मुआवजा प्रदान किया है। उनके रिहायशी मकानों को भी फेक्टर टू के दायरे में लिया गया है। मंडी पठानकोट नेशनल हाइवे के किखों के साथ सरकार ने कुचलने का व्यवहार किया है। यहां के किसानों की भूमि को पानी के भाव में अधिग्रहण किया गया। है।

यहां के किसानों को सरकार ने किस्वान समक्षा ही नहीं जबकि यहां के किसान अपनी भूमि से परिवार का गुजारा चलाते आ रहे हैं। इस बात पर संज्ञान लेते हुए समन्वय समिति प्रधान चिंत राम ठाकुर ने किसानों की समस्याओं को सुनकर उन्हें आधारस्त किया है कि उपमंहत प्रशासन को चिनों की समस्या के बारे में लिक्षित रूप से रचित कर दिया है।

इस बारे में एसडीएम पचर से बातचीत करने को समय मांगा गया। उनसे आग्रह किया गया है कि नेशनल हाइवे अथारिटी के अधिकारियों और संबंधित निर्माण कंपनी के अधिकारियों की भी बैठक में वर्ष के लिए बुलाया जाए ताकि आने वाले समय में पोरलेन का कार्य भी प्रभावित न हो और किसानों को जायज मांगों पर ।

उन्होंने कहा कि चरचा के सभी पहलुओं को एसडीएम पधर को प्रेषित कर भी सहानुभूति पूर्वक विचार कर किसानों को उनका अधिकार दिया जा सके। उन्होंने दिया गया है। जैसे ही एसडीएम पर मनाय समिति को वार्ता के लिए प्रभावित किखों के प्रारूप में दिए सभी मुद्दों पर विस्तार पूर्वक चरचा करेगी।

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