किरण राही/पधर मंडी।
घर की छतों पर झूलते बिजली के तार खतरे का सबब बन रहे हैं। जिस कारण कई लोग चपेट में आकर अपनी जान भी गवां चुके हैं। बावजूद इसके लोग तारों के नीचे या बगल से अपने आशियाने बनाने से नहीं चूक रहे हैं।
ऐसे में विद्युत विभाग ने केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण सुरक्षा और विद्युत आपूर्ति से संबंधित उपाय विनियमन संख्या 62 और 63 के अंतर्गत निर्धारित मानकों अनुसार उपभोक्ताओं को दिशा निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने साफ शब्दों में कहा है कि नियमों का पालन न करने पर भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है, उसके लिए उपभोक्ता स्वयं जिम्मेवार होगा।
नियम के तहत इमारत के ऊपर से गुजरने वाली ओवरहेड लाइन और इमारत के बगल से गुजरने वाली ओवरहेड लाइन की दूरी निम्न रूप से दर्शाई गई है।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल पधर नितिन चंदेल ने बताया कि जिन विद्युत उपभोक्ताओं ने विद्युत लाईनों के नजदीक घर पहले से बनाऐ हुए है या निर्माणाधीन है। इसके अलावा भविष्य में भवन निर्माण की योजना है। उन सभी उपभोक्ताओं के घरों की छतों के उपर से या घरों के आस पास से विद्युत लाइनों की दूरी इस प्रकार होनी चाहिए।
इमारत के उपर से गुजरने वाली ओवरहेड लाइन जिसमें 650 वोल्ट तक की वोल्टेज की लाइनों के लिए न्यूनतम दूरी 2.5 मीटर, 650 वोल्ट से लेकर 11केवी तक की वोल्टेज वाली लाइनों के लिए 3.7 मीटर, 33 केवी से अधिक वोल्टेज की लाइनों के लिए 3.7 मीटर प्लस 0.30 मीटर अनिवार्य है।
वही इमारत के बगल से गुजरने वाली 650 वोल्ट तक की वोल्टेज की लाइनों के लिए 1.2 मीटर, 650 वोल्ट से लेकर 11केवी तक की वोल्टेज वाली लाइनों के लिए 1.2 मीटर, 11केवी से अधिक तथा 33 केवी तक वोल्टेज वाली लाइनों के लिए 2.0 मीटर, 33 केवी से अधिक वोल्टेज की लाइनों के लिए दूरी 2.0 मीटर प्लस 0.30 मीटर होनी चाहिए।
उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आह्वान किया कि निर्माण कार्य से पहले ओवरहेड लाइनों की उचित दूरी बनाए रखें। भविष्य में इससे संबंधित कोई भी घटना या अनहोनी होती है तो उपभोक्ता उसके लिए स्वयं जिम्मेवार होगा।
